Ansuiya Uike Profile: अनुसुइया उइके ने ऐसे तय किया प्रोफेसर से लेकर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल तक का सफर

Ansuiya Uike Profile: अनुसुइया उइके ने ऐसे तय किया प्रोफेसर से लेकर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल तक का सफर
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अनसुइया उइके सोमवार को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल के रूप में पद की शपथ लेंगी। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उइके 29 जुलाई को शाम चार बजे राजभवन के दरबार हॉल में एक समारोह में पद की शपथ लेंगी।

अनसुइया उइके सोमवार को छत्तीसगढ़ की राज्यपाल के रूप में पद की शपथ लेंगी। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि उइके 29 जुलाई को शाम चार बजे राजभवन के दरबार हॉल में एक समारोह में पद की शपथ लेंगी। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पी.आर. रामचंद्र मेनन उन्हें पद की शपथ दिलाएंगे। मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबने पटेल के पास अब तक छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के रूप में अतिरिक्त प्रभार था।

Ansuiya Uike Profile

नाम- अनुसुइया उइके

पिता/पति का नाम- लखन लाल उइके

उम्र- 62 (10 अप्रैल 1957)

पता- 10/5, एमआईजी फेज IV, अंकुर कॉम्पलेक्स, शिवाजी नगर, भोपाल (मप्र.)

शिक्षा- पोस्ट ग्रेजुएट

पद- राज्यपाल (छत्तीसगढ़), राज्यसभा सांसद (मध्यप्रदेश)

राजनीतिक पार्टी- भाजपा

कुल चल संपति (Movable Assets)- 19, 26, 000 रूपये

कुल अचल संपत्ति (Immovable Assets)- 14, 48, 000 रुपये

कॉलेज में रहीं असिस्टेंट प्रोफेसर-

62 वर्षीय उइके अभी मध्यप्रदेश से राज्यसभा में सांसद हैं लेकिन राजनीति में आने से पहले 1982 में वह शासकीय महाविद्यालय तामिया में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत थीं। यह महाविद्यालय उस दौर में जिस भवन में चलता था वर्तमान में वहां विकासखंड शिक्षा अधिकारी का कार्यालय है।

1985 में राजनीतिक शुरुआत-

अपने तीन दशक से भी अधिक लंबे राजनीतिक करियर में उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार के कई अहम पदों पर काम किया है। उन्हें 1985 में पहली बार उन्हें मध्यप्रदेश विधानसभा सदस्य के रूप में चुना गया था। इसके बाद 1988 और 1989 के बीच वह महिला एवं बाल विकास मंत्री बनीं। साल 2000 में वह राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य बनीं और पांच साल तक सदस्य बनी रहीं। जनवरी 2006 में वह मध्य प्रदेश आदिवासी आयोग की अध्यक्ष बनीं। इस पद पर उन्होंने दो महीने तक सेवा दी।

2006 में पहली बार चुनी गईं राज्यसभा सदस्य-

2006 में ही उन्हें राज्यसभा सदस्य के रूप में चुना गया। इसके बाद वह सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता समिति की सदस्य बनीं। इसी साल वह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति, हिंदी सलाहकार समिति, खाद्य प्रसस्करण मंत्रालय, महिला एव बाल विकास मंत्रालय और दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के अनौपचारिक परामर्शदात्री समिति की सदस्य भी बनीं।

आदिवासी अधिकारों के लिए काम-

अनुसुइया उइके ने महिलाओं, विशेषकर आदिवासी महिलाओं को न्याय दिलाने और उनकी सम्याओं के समाधान में विशेष रूचि ली। आदिवासी महिलाओं में अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने का काम किया।

भाजपा के साथ जुड़ाव-

भाजपा के साथ उनका जुड़ाव बहुत लंबा चला। पार्टी ने उन्हें 1993 और 1998 के चुनाव में दमुआ और लखनादौन विधानसभा क्षेत्रों से उम्मीदवार बनाया। 1993-1997 के बीच वह पार्टी के भीतर कई महत्वपूर्ण पदों पर रहीं, भाजपा की राज्य सचिव भी बनीं। इसके अलावा उइके भाजपा युवा मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और भाजपा आदिवासी मोर्चा की कार्यकारी सदस्य भी रहीं।

सीएम कमलनाथ की तारीफ कर मीडिया की सुर्खियां बनीं-

उइके साल 2018 में तब चर्चाओं में आईं जब उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की प्रशंसा की, जो कि कांग्रेस पार्टी से हैं। उइके उस समय राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष थीं। कमलनाथ की प्रशंसा के बाद सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलने लगी कि वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो रही हैं। तब उइके ने कहा था कि कांग्रेस को मुझसे माफी मांगनी चाहिए।

सोशल मीडिया पर इसलिए अफवाहें फैलाई जा रही हैं क्योंकि मैने उनके काम काम की प्रशंसा की। मैने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यों की भी तारीफ की थी। यह कांग्रेस की क्षुद्र राजनीति का तरीका है। यह षड़यंत्रकारी राजनीति का एक तरीका है।

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