मंत्री अनिला भेड़िया ने केंद्र से की चाइल्ड लाइन सेवा स्थापित करने की मांग

रायपुर। चाइल्ड लाइन-1098 की कार्यविधि के पुनर्गठन के लिए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री देबश्री चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडि़या वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुईं। श्रीमती भेंडि़या ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष शहरी क्षेत्रों में संचालित चाइल्ड लाइन सेवा के अतिरिक्त इसे ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही रायगढ़ और दुर्ग रेलवे स्टेशनों पर भी शुरू करने की मांग रखी। साथ ही उन्होंने कहा कि चाइल्ड लाइन की स्थापना और निगरानी में राज्य बाल संरक्षण समिति की भूमिका सुनिश्चित किये जाने की आवश्यकता है, इससे विभिन्न वैधानिक इकाइयों और चाइल्ड लाइन के बीच समन्वय अधिक मजबूत हो सकेगा। छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त गोवा और मेघालय के महिला एवं बाल विकास मंत्रियों ने भी बैठक में चाइल्ड लाइन को और अधिक उपयोगी बनाने संबंधी अपनी राय रखी। बैठक में केंद्रीय स्कूल शिक्षा, मानव संसाधन और विकास, स्वास्थ्य, मंत्रालय, अल्पसंख्यक मंत्रालय, एनसीपीआर, चाइल्ड लाइन इंडिया फाउंडेशन के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
अनिला भेंडि़या ने बैठक में बताया कि छत्तीसगढ़ में रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग एवं रायगढ़ जिले में चाइल्ड लाइन सेवाएं संचालित हैं। इनके क्षेत्रफल और जनसंख्या को देखते हुए इनसे लगे ग्रामीण क्षेत्रों तक तत्काल पहुंच कर सेवाएं देना कठिन हो जाता है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चाइल्ड लाइन सेवाओं को स्वीकृत किया जाना आवश्यक है। छत्तीसगढ़ में वर्तमान में रायपुर और बिलासपुर रेलवे स्टेशनों में रेलवे चाइल्ड लाइन संचालित है। इसके अतिरिक्त दुर्ग और रायगढ़ रेलवे स्टेशन व्यस्ततम स्टेशनों में है, यहां से पहले कई बच्चों को रेस्क्यू किया गया है। इसे देखते हुए इन स्टेशनों पर रेलवे चाइल्ड लाइन स्थापित किये जाने की आवश्यकता है।
23 जिलों में उपलब्ध
उल्लेखनीय है कि चाइल्ड लाइन-1098 जरूरतमंद बच्चों की सुरक्षा और देखरेख और पुरर्वास के लिए 24 धंटे आकस्मिक फोन सेवा है। छत्तीसगढ़ के 23 जिलों में चाइल्ड लाइन सेवाएं उपलब्ध है, शेष 5 जिलों बालोद, बीजापुर, सुकमा, मुंगेली और पेण्ड्रा-गौरेला-मरवाही में चाईल्ड लाइन स्थापित करना प्रक्रिया में है।
केंद्रीय राज्यमंत्री देबश्री ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा और सहायता के लिए चाइल्ड लाइन सेवाओं से कई संस्थानों को जोड़ने और समन्वय की जरूरत है। इससे चाइल्ड लाइन को नई दिशा मिलेगी और वह और भी अधिक सशक्त बन सकेगा। उन्होंने इसके लिए जन-जागरूकता बढ़ाने पर भी बल दिया।
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