मीसाबंदियों की पेंशन पालिसी को बंद किए जाने के फैसले का बीजेपी कर रही है विरोध

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मीसा बंदियों को दी जाने वाली पेंशन पालिसी को बंद करने के फैसले की भाजपा नेताओं के द्वारा निन्दा की जा रही है। इसी संबंध में भाजपा नेता संकल्प दुबे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि छग सरकार का यह फ़ैसला अत्यंत निंदनीय और दुर्भाग्यजनक है। उस वक्त की इंद्रा सरकार द्वारा लिया गया आपातकाल लागू करने का निर्णय अत्यंत विवादास्पद एवं अलोकतांत्रिक था। सन 1975 में माननीय अलाहाबाद उच्य न्यायालय द्वारा उत्तरप्रदेश सरकार बनाम राज नारायण 1975 AIR 865 के निर्णय में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के राय बरेली के लोक सभा के चुनाव को निरस्त करने का महत्वपूर्ण फैसले सुनाया था। जिस के बाद सरकार के द्वारा देश मे आपातकाल के निर्णय लिया गया था।
भाजपा नेता ने कहा कि आपातकाल के निर्णय के दौरान मीसा कानून यानी आंतरिक सुरक्षा अधिनियम लागू किया गया था, वो इतिहास से एक काले कानून के रूम में जाना जाता है। इस कानून के तहत जिन मीसा बंदियों को गिरफ्तार किया गया था उन सारे मीसा बंदियों की पेंशन को बंद कर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने अपने बदलापुर की राजनीति का एक बार फिर से परिचय दिया है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पिछले 1 सालों में अपने सभी विकास और जन कल्याण के मोर्चो पर हमेशा के तरह विफल रही है। मीसा आंदोलनकरियो द्वरा किये गए योगदान और राष्ट्रीय हित के कार्यो को समझने की कुशलता कांग्रेस के नेताओ और सरकार में नही है।
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