CG Assembly winter Session : आज सदन में भारी हंगामे और पक्ष - विपक्ष की नोक झोंक के बीच इन मुद्दों पर हुई चर्चा

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकाली सत्र के चौथे दिन पक्ष -विपक्ष के बीच तीखी नोक झोंक देखने को मिली। धान खरीदी के मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और सदन से वॉक आउट कर दिया। विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर किसानों के साथ अनदेखी और धोखा का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार किसानों को ठग रही है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि कब तक किसानों के खाते में पैसे पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार किसानों के साथ किया वादा पूरा नहीं कर पा रही है तो हाथ जोड़कर उनसे माफी मांग लेनी चाहिए।
आज छत्तीसगढ़ी में सदस्यों ने किया सवाल जवाब -
विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने सदन में छत्तीसगढ़ भाषा दिवस की बधाई दी। उन्होंने सभी सदस्यों से छत्तीसगढ़ में प्रश्न पूछने और जवाब देने का आग्रह किया। सचिवालय को भी छत्तीसगढ़ी में काम करने का निर्देश दिया गया। सदन में संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि राज्य गठन के 19 साल बाद छत्तीसगढ़ियों की सरकार महसूस हुई है। पहली बार राज्य में छत्तीसगढ़ के त्योहार की छुट्टी दी गई। छत्तीसगढ़ी भाषा का आज मान-सम्मान बढ़ा है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सभी लोग छत्तीसगढ़ी में प्रश्न करें और जवाब दें। इसी भावना के साथ पिछली सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ी राजभाषा लाई गई थी। इसके लिए मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं। छत्तीसगढ़ी राजभाषा तो बन गया लेकिन काम काज का भाषा नहीं बन पाया है। इसके लिए हम सब को मिल कर काम करना होगा।
अंशदाई पेंशन योजना के क्रियान्वयन में अनियमितता को लेकर सवाल -
कांग्रेस विधायक कुंवर सिंह निषाद ने शिक्षाकर्मियों की अंशदाई पेंशन योजना के क्रियान्वयन में अनियमितता को लेकर ध्यानाकर्षण किया। जिसके बाद विभागीय मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि जो वर्तमान में व्याख्याता शिक्षक एलबी के रूप में कार्य कर रहे हैं। उनके वेतन माह के अंतिम दो दिवस में दिए जाने का निर्देश है। वेतन का 10% कर्मचारियों से अंशदान के रूप में और 10% नियुक्त अंशदान के रूप में जमा करने के निर्देश है। अंशदाई पेंशन योजना के मासिक अंशदान को समय पर जमा किया जाना सुनिश्चित किया गया है।
अप्रत्यक्ष चुनाव को लेकर बृजमोहन अग्रवाल ने किया सवाल -
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश की जनता को 2 वोट देने का अधिकार था। एक पार्षद और एक महापौर के लिए। लेकिन अब केवल 1 वोट का अधिकार दिया जा रहा है। यह जनता के मूल अधिकारों का हनन है। इस विषय पर पहले चर्चा करनी चाहिए इसके बाद इसे लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसमें दलबदल का भी कोई कानून नहीं है। लोगों की खरीद बिक्री होगी, महापौर हमेशा पार्षदों के दबाव पर होगा। यदि महापौर अधिकार संपन्न नहीं होगा तो शहरों , कस्बों और नगर पंचायतों का विकास पूरी तरीके से रुक जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले विधेयक पास होना था उसके बाद तारीख घोषित होनी चाहिए थी।
नगरपालिक और नगरपालिका संसोधन विधेयक 2019 पारित -
बीजेपी के बहिष्कार के बाद भी नगरपालिक और नगरपालिका संसोधन विधेयक 2019 पारित कर दिया गया। दोनों विधेयक ध्वनिमत से पारित किया गया।
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