CG Cinema : लॉकडाउन के कारण एक हजार से ज्यादा कलाकारों-कामगारों की रोजी-रोटी पर संकट

रायपुर। कोरोना के कहर के कारण छत्तीसगढ़ी में निर्माणाधीन डेढ़ दर्जन फिल्मों के साथ तीन सौ गानों का डिब्बा गोल हो गया है। इनमें काम करने वाले कलाकारों का रोल भी अटक गया है। लॉकडाउन खुलने के बाद भी कलाकारों को स्क्रीन मिलने की संभावना नहीं है, क्योंकि अभी सिनेमाघरों के साथ मल्टीप्लेक्स के खुलने की गुंजाइश नहीं है। करीब हजारभर लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। यह संकट आने वाले छह माह तक रहेगा।
छत्तीसगढ़ का फिल्म जगत ज्यादा बड़ा नहीं है। यहां पर गिनती के कलाकार ही हैं। इन कलाकारों के साथ काम करने वाले सारे लोगों को और गानों का एलबम बनाने वालों को भी शामिल किया जाए तो करीब एक हजार लोग हैं।
आज की तारीख में इन सभी के पास कोई काम नहीं है। सभी लॉकडाउन के कारण अपने-अपने घर में बैठे हैं। लॉकडाउन खुलने के साथ ही इनका काम प्रारंभ हो जाएगा, ऐसी संभावना भी फिलहाल नजर नहीं आती।
दस करोड़ फंसे
छालीवुड की करीब एक दर्जन फिल्में बनकर तैयार हैं। इनमें पद्मश्री अनुज शर्मा और मन कुरैशी जैसे बड़े स्टार कलाकारों की भी फिल्में हैं। उन्हें स्क्रीन मिलने का इंतजार है। जहां तक फिल्मों के बजट का सवाल है तो एक फिल्म का 20 लेकर 50 लाख तक का बजट रहता है। आधा दर्जन फिल्में फ्लोर पर हैं, जिनकी शूटिंग अटक गई है। फिल्म निर्माता लखी सुंदरानी का कहना है, फिल्म निर्माताओं के करीब दस करोड़ रुपए फंसे हुए हैं।
300 गाने अटके
छत्तीसगढ़ में भले फिल्में कम बनती हैं, लेकिन रोज कम से कम दस गानों की शूटिंग होती है। कोरियोग्राफर निशांत उपाध्याय का कहना है, लॉकडाउन के एक माह में करीब तीन सौ गाने नहीं बन सके हैं। गानों को यू-टूयब पर जारी किया जाता है। जो गाने ज्यादा देखे जाते हैं, उनको डेढ़ से दो लाख तक मिल जाता है।
छोटे कलाकार ज्यादा परेशानी में
काम बंद होने के कारण छोटे कलाकार ज्यादा परेशानी में हैं। फिल्मों में काम करने वाले इन कलाकारों को तीन से आठ हजार तक ही मिलते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी में स्पॉट ब्वाय, लाइटमैन, ट्रॉलीमैन और अन्य ऐसे कामगार हैं, जिनको रोज के तीन से पांच सौ रुपए मिलते हैं। जहां तक हीरो का सवाल है तो नामी हीरो को दस लाख रुपए तक एक फिल्म के मिल जाते हैं। वहीं हीरोइनों को दो लाख तक ही मिल पाते हैं।
दूरदर्शन में दिखाएं फिल्में
फिल्म निर्माता संघ के संतोष जैन का कहना है, ऐसी संकट की घड़ी में केंद्र सरकार को छत्तीसगढ़ी फिल्मों को भी दूरदर्शन पर दिखाना चाहिए। ऐसा करने से इससे मिलने वाली रायल्टी से मदद हो जाएगी। इसी के साथ लॉकडाउन खुलने पर प्रदेश के संस्कृति विभाग को छत्तीसगढ़ के कलाकारों के लिए आयोजन कर उनको मदद करनी चाहिए। छत्तीसगढ़ फिल्मों के पीआरओ दिलीप नामपल्लीवर कहते हैं, सरकार को छालीवुड से जुड़े लोगों को भी राहत पैकेज देना चाहिए।
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