हाथ पीले करने बेटियों को मिलने वाली सहायता राशि से छत्तीसगढ़ सरकार ने खींचे हाथ, बीजेपी ने साधा निशाना

हाथ पीले करने बेटियों को मिलने वाली सहायता राशि से छत्तीसगढ़ सरकार ने खींचे हाथ, बीजेपी ने साधा निशाना
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अपनी बेटियों के हाथ पीले करने का सपना संजोए बैठे श्रमिक वर्ग को राज्य शासन ने करारा झटका दिया है। शासन ने पिछले 11 साल से संचालित हो रही विवाह योजना काे बंद करने का फरमान जारी कर दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेशभर के पचास लाख श्रमिकों का सपना चूर हो गया है।

रायपुर। अपनी बेटियों के हाथ पीले करने का सपना संजोए बैठे श्रमिक वर्ग को राज्य शासन ने करारा झटका दिया है। शासन ने पिछले 11 साल से संचालित हो रही विवाह योजना काे बंद करने का फरमान जारी कर दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेशभर के पचास लाख श्रमिकों का सपना चूर हो गया है। राज्य शासन द्वारा एक जून 2019 को बकायदा अधिसूचना जारी कर योजना को तत्काल बंद कर दिया गया है। सरकार के इस फरमान के जारी होने के बाद मजदूर संगठनों ने भी मोर्चा खोल दिया है। संगठन ने राज्य शासन को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने इस योजना के बंद होने से मजदूर वर्ग को बेहद ठेस पहुंचने की बात लिखी है। उन्होंने साफतौर पर कहा है कि अगर योजना का संचालन दोबारा नहीं किया गया तो उनके द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। पिछली भाजपा सरकार द्वारा योजना की शुरूआत 2008 में की गई थी।

इस योजना के तहत श्रम विभाग में पंजीकृत असंगठित कर्मकारों को विवाह के लिए सरकार बीस हजार रुपए की राशि उपलब्ध कराती थी, लेकिन सरकार ने असंगठित कर्मकार के अलावा सफाई कर्मकार विवाह सहायता योजना व ठेका श्रमिक, घरेलू महिला कामगार एवं हमाल श्रमिक विवाह सहायता योजना को बंद कर दिया है। असंगठित कर्मचारी में पंजीकृत इन तीनों वर्ग के करीब पचास लाख हितग्राही प्रदेशभर में पंजीकृत हैं, लेकिन सरकार के एक फैसले ने श्रमिकों को झटका दे दिया है।

30 लाख से अधिक को मिला लाभ - श्रम विभाग द्वारा बेटियाें के हाथ पीले करने के लिए इस योजना का संचालन 2008 से किया जा रहा है, तब से अब तक प्रदेशभर के तीस लाख श्रमिक वर्ग को शासन द्वारा लाभ दिया जा चुका है, लेकिन अचानक बंद होने के फैसले को लेकर मजदूर संगठन ने भी माेर्चा खोल दिया है। मजदूर संगठन ने राज्य शासन को योजना शुरू करने की मांग की है अन्यथा प्रदेशभर में आंदाेलन किए जाने की बात मांग पत्र में की गई है।

दो-दो जगह से लाभ - मंत्री डा. शिवकुमार डहरिया ने कहा है कि एक रिपोर्ट के अनुसार यह बात सामने आई है कि हितग्राहियों द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग से भी लाभ लिया जाता था। इस तरह एक ही योजना दो विभाग में संचालित थी। जिसके कारण इसे बंद किया गया है।

बीजेपी ने साधा निशाना - बीजेपी ने सरकार के इस फैसले पर निशाना साधा है। बीजेपी ने ट्वीट कर लिखा है कि " बेटियां समाज का गौरव होती है। गरीब बेटियों की खुशियों पर क्यों नजर लगा रहे हों? ठीक है कि सरकार बनाने के लिए एक बार वोट चाहिए होता है लेकिन, उसे चलाने के लिये दुआओ की रोज ज़रूरत होती है। ज़रा रहम कीजिए और कन्यादान का पावन धर्म निभाइए।


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