24 घंटे खदान चलाने के विरोध में मजदूरों ने किया चक्काजाम, मौके पर भारी पुलिस बल तैनात, प्रबंधन ने कहा किसी के बहकावे में न आएं

24 घंटे खदान चलाने के विरोध में मजदूरों ने किया चक्काजाम, मौके पर भारी पुलिस बल तैनात, प्रबंधन ने कहा किसी के बहकावे में न आएं
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कांकेर जिले के आरी डोंगरी स्थित गोदावरी पावर एंड इस्पात में लौह खदान में प्रबंधन और मजदूरों के ​बीच रहा विवाद सुलझने के नाम नहीं ले रहा है। शनिवार दोपहर एक बार फिर मजदूरों ने चक्काजाम कर दिया।

भानुप्रतापपुर। कांकेर जिले के आरी डोंगरी स्थित गोदावरी पावर एंड इस्पात में लौह खदान में प्रबंधन और मजदूरों के ​बीच रहा विवाद सुलझने के नाम नहीं ले रहा है। शनिवार दोपहर एक बार फिर मजदूरों ने चक्काजाम कर दिया। मजदूरों के चक्काजाम से भानुप्रतापपुर से दुर्ग, रायपुर, राजनांदगांव, दल्ली राजहरा मार्ग बंद हो गया है। मजदूरों को समझााने के लिए मौके पर अपर कलेक्टर, तहसीलदार, एसडीओपी मौजूद है वहीं किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

आज सुबह फिर से कच्चे में मजदूर संगठनों एवं कंपनी प्रबंधन के बीच प्रशासन की मध्यस्थता में चर्चा हुई लेकिन वह विफल हो गई। जिसके बाद पुनः ग्रामीण मजदूर संगठन ने चक्काजाम कर दिया हैं।

हितों का पूरा ख्याल रख रहा : प्रबंधन

आरीडोंगरी स्थित खदान के डायरेक्टर विनोद पिल्ले ने कहा है कि प्रबंधन की ओर से मजदूरों के हितों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। काम के घंटे तय करने की प्रक्रिया का जो लोग विरोध कर रहे हैं, उन्हें यह समझना होगा कि कम से कम आठ घंटे काम करना चाहिए। अभी 15 से 16 घंटे के काम को तीन पालियों में बांटकर कराया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि प्रबंधन को ग्रामीणों की चिंता नहीं है। ग्रामीणों को कोई दिक्कत न हो इसलिए ट्रांसपोर्टेशन का काम भी ग्रामीणों को ही दिया गया है। पिल्ले ने कहा कि ग्रामीण किसी के बहकावे में न आएं और खदान संचालन में मदद करें।

यह है मामला

खदान प्रबंधन अपने उत्पादन को 24 घंटे करना चाहता है जबकि मजदूर संगठन एवं ग्रामीण 24 घंटे काम करना नहीं चाहते। उनका कहना है कि रात को 11:00 बजे के बाद कंपनी उत्खनन कार्य बंद कर दें। जिससे गांव के ग्रामीण सो सकें क्योंकि उत्खनन कार्य जारी रहने से जो शोर और आवाज आती है उससे ना तो बच्चे पढ़ पाते हैं और ना ही ग्रामीण सो पाते हैं। इसलिए रात 11:00 बजे के बाद उत्खनन कार्य कंपनी द्वारा ना किया जाए।

इसी को लेकर प्रबंधन और मजदूर अपनी अपनी बात पर अड़े हुए हैं। कंपनी ने पिछली 18 जुलाई से बिना कुछ सूचना दिए उत्पादन कार्य बंद कर दिया और मजदूरों से कहा कि अनिश्चितकाल के लिए कंपनी बंद कर दी गई है।

इस बात से नाराज होकर ग्रामीणों ने शुक्रवार को 10 घंटे कच्चे में चक्का जाम कर दिया था। जाम की सूचना पर पुलिस बल एवं प्रशासन पहुंचा, दिन भर मान मनावल का दौर चलता रहा।आंदोलनकारियों के प्रतिनिधिमंडल खदान प्रबंधन एवं प्रशासन के बीच भानुप्रतापपुर जनपद सभाकक्ष में 2 घंटे तक बैठक भी हुई पर बैठक बेनतीजा रही। देर शाम आंदोलनकारियों ने कल पुनः प्रशासन की मध्यस्थता में प्रबंधन एवं मजदूर संगठनों के बीच चर्चा करने की बात कह चक्का जाम समाप्त किया था।

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