धान खरीदी पर फूड अफसर का बयान : पूरा नहीं होगा टारगेट, ताबड़तोड़ कार्रवाई के कारण मिलेगी नाकामी

धान खरीदी पर फूड अफसर का बयान : पूरा नहीं होगा टारगेट, ताबड़तोड़ कार्रवाई के कारण मिलेगी नाकामी
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कोरबा के फूड कंट्रोलर ने कहा, जिले में सिर्फ 10 लाख क्विंटल ही हो सकेगी खरीदी

कोरबा। 1 दिसंबर से जिले में समर्थन मुल्य पर धान की खरीदी शुरु हो गई है। धान खरीदी के शुरुआती दिनों में ही विभागीय अधिकारियों ने जो बयान दिया है, वह काफी चैंकाने वाला है। अधिकारियों की मानें तो इस वर्ष कोरबा जिला धान खरीदी के मामले में लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएगा। कोरबा जिले को करीब 13 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य मिला है, लेकिन अधिकारियों ने अंदेशा जताया कि खरीदी 10 लाख क्विंटल तक सिमट कर रह जाएगी। लक्ष्य हासिल नहीं कर पाने की पीछे की मुख्य वजह अधिकारी खरीदी शुरु होने से पहले की गई कार्रवाई को बता रहे हैं।

1 दिसंबर को प्रदेश के साथ ही कोरबा जिले में धान खरीदी करने का दौर शुरु हो गया है। जिले में 42 खरीदी केंद्रों के माध्यम से किसानों का धान खरीदा जा रहा है। धान खरीदी को शुरु हुए अभी केवल पांच दिन ही हुए हैं, लेकिन खरीदी के शुरुआती दिनों में ही खाद्य विभाग के अधिकारियों ने जो कहा है, वह काफी चैंकाने वाला है।

विभागीय अधिकारियों ने अभी से ही खरीदी के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाने की भविष्यवाणी कर दी है। प्रदेश सरकार की तरफ से कोरबा जिले को लगभग 13 लाख क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य दिया गया है, जिसे हासिल करने एड़ी-चोटी कर जोर लगाया जा रहा है। 42 केंद्रो में से 33 केंद्रो में धान खरीदी की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन 9 केंद्रों में बोहनी होना अब भी बाकी रह गया है।

पिछले चार दिनों के दौरान 33 केंद्रो में 8 हजार 586 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है और करीब 1 करोड़ 56 लाख रुपयों का भुगतान भी हो चुका है। धान खरीदी को लेकर किसानों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। इस लिहाज से केंद्रो में तौल-बांट के साथ ही पानी और शौचालय सभी की सुविधा पुख्ता की गई है। 15 फरवरी तक धान की खरीदी चलेगी और इस दौरान खरीदी लक्ष्य को हासिल करने का पूरा प्रयास किया जाएगा।

धान खरीदी का लक्ष्य हासिल न कर पाने की सबसे बड़ी वजह अधिकारी खरीदी शुरु होने से पहले की गई कार्रवाई को बता रहे हैं। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खरीदी से पहले शासन के निर्देश पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई है और बड़ी मात्रा में अवैध धान की जब्ती बनाई गई है। इस लिहाज से खरीदी लक्ष्य को हासिल कर पाना मुश्किल लग रहा है। 13 लाख क्विंटल के मुकाबले 10 लाख क्विंटल तक ही धान की खरीदी होने पाने का अंदेशा अधिकारी जता रहे हैं।

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