मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निभाई सोटा खाने की परंपरा, ये है इसके पीछे की पूरी कहानी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निभाई सोटा खाने की परंपरा, ये है इसके पीछे की पूरी कहानी
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गौरा गौरी तिहार मनाने आज जजंगिरी गांव पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर गौरा गौरी की पूजा की।

भिलाई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गौरा गौरी तिहार मनाने आज जजंगिरी गांव पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर गौरा गौरी की पूजा की। वहीं सीएम ने वर्षों पुरानी सोटा परंपरा का भी निर्वहन किया। सौटा हाथ में मारने की पुरानी परंपरा है सोटा कुश का बना होता है। ग्रामीणों को मानना है परंपरा अनुसार सोटा से मार खाने वाले व्यक्ति पर देव चढ़ते हैं और सोटा मारने वाला व्यक्ति बैगा जाति का होता है। ऐसा माना जाता है सोटा से मार खाने से व्यक्ति के कष्ट व पाप कम होते हैं।


बता दें सीएम भूपेश बघेल ने ये ऐलान किया है कि गोवर्धन पूजा का त्यौहार को गौठान दिवस के रूप में मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने गोवर्धन पूजा के अवसर पर ट्वीट पर प्रदेशवासियों को गौरा गौरी तिहार की बधाई दी। गोवर्धन पूजा का त्यौहार को गौठान दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

छत्तीसगढ़ प्रदेश की पौराणिक परंपरा है कि गोवर्धन पूजा पर राउत समाज द्वारा इस त्यौहार को मनाया जाता है। इस दिन गांव.गांव में राउत की टोली निकलती है और डंडा लिए राउत नाचा नाचते हैं। इस दिन गायों को विशेष तौर पर सजाया जाता है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार लगातार छत्तीसगढ़ के पारंपरिक और स्थानीय त्यौहारों को महत्व दे रही है। जिसके चलते इस साल भूपेश सरकार ने तीज और पोला के त्यौहार पर भी मुख्यमंत्री निवास में कार्यक्रम का आयोजन किया था और प्रदेशभर में स्कूलों में सरकारी छुट्टी भी दी गई थी।

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