कोरोना : छत्तीसगढ़ के इन 8 अस्पतालों में कोरोना का उपचार, स्वास्थ्य मंत्री ने केन्द्र को लिखा पत्र

रायपुर। छत्तीसगढ़ के अब आठ सरकारी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज की व्यवस्था की गई है। इसके उपचार के लिए एम्स रायपुर में अभी 200 बिस्तर तैयार हैं। इसे बढ़ाकर 500 बिस्तर करने की तैयारी है। पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर में 400 बिस्तर और माना सिविल अस्पताल में 100 बिस्तर की व्यवस्था है। शासकीय मेडिकल कॉलेजों बिलासपुर, जगदलपुर, राजनांदगांव, अंबिकापुर और रायगढ़ में कोविड-19 के इलाज के लिए कुल एक हजार बिस्तर आरक्षित किए गए हैं।
रायपुर के रिम्स अस्पताल को भी कोविड-19 के इलाज के लिए विकसित किया जा रहा है। यहां 500 लोगों के उपचार की व्यवस्था रहेगी। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव रोजाना कोरोना वायरस के नियंत्रण एवं रोकथाम की व्यवस्था की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दे रहे हैं। वे केन्द्र सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों से भी लगातार बात कर राज्य के लिए अधिक से अधिक संसाधन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश के सभी सांसदों और विधायकों से भी उन्होंने मदद की अपील की है।
उन्होंने आज केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन को पत्र लिखकर रैपिड एंटी-बॉडी डिटेक्शन किट के उपयोग और खरीदी के संबंध में आई.सी.एम.आर. से दिशा-निर्देश जारी करवाने तथा छत्तीसगढ़ के दो और केन्द्रों में कोरोना वायरस टेस्ट की अनुमति देने का अनुरोध किया है।
प्रदेश में 34 आइसोलेशन सेंटर्स भी स्थापित किए गए हैं। सभी 26 जिला अस्पतालों, छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों, सिविल अस्पताल माना और एम्स में ये सेंटर स्थापित हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने प्रदेश भर में 74 क्वारेंटाइन सेंटर्स बनाए गए हैं, जहां एक हजार 249 लोगों को रखने की व्यवस्था है। वर्तमान में इन सेंटर्स पर 167 लोगों को रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम द्वारा होम-क्वारेंटाइन के साथ ही इन क्वारेंटाइन सेंटर्स में रह रहे लोगों पर नजर रखी जा रही है। विदेश प्रवास से लौटे दो हजार 85 लोगों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को अब तक मिली है।
प्रदेश में अब तक कोविड-19 के 919 संभावित मरीजों की जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं। इनमें से 849 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव्ह और अब तक कुल 9 की पॉजिटिव्ह आई है। शेष 61 लोगों की जांच रिपोर्ट का इंतजार है। एम्स में इलाज के बाद दो मरीजों के पूरी तरह ठीक हो जाने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अभी एम्स में पांच तथा राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज और अपोलो अस्पताल बिलासपुर में एक-एक मरीज का इलाज चल रहा है। एम्स के साथ ही अब जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में भी सैंपलों की जांच की जा रही है।
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