जीएसटी के बाद नोटबंदी भी पाठ्यक्रम का हिस्सा, अर्थशास्त्र के छात्र जानेंगे इसके प्रभाव, स्नातकोत्तर के तीसरे सेमेस्टर में मिली जगह

रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विवि में अर्थशास्त्र के छात्र अब नोटबंदी और इसके प्रभावों का अध्ययन करेंगे। इसे लागू करने के तरीके, अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव और हानि-लाभ का अध्ययन इसके अंतर्गत किया जाएगा। एमए अर्थशास्त्र के तीसरे सेमेस्टर में इसे शामिल किया गया हैं छात्र भारतीय अर्थव्यवस्था को बेहतर तरीके से समझ सकें, परंपरागत सिद्धांतों के साथ वर्तमान स्थितियों से भी परिचित हो सकें, इसलिए इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। इसके सभी पक्षों से छात्रों को परिचित कराया जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले पिछले वर्ष जीएसटी को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया था। बिलासपुर यूनिवर्सिटी सहित कई विश्वविद्यालय इसे दो साल पहले ही अपने पाठ्यक्रम में शामिल कर चुके थे, लेकिन रविवि में पिछले सत्र से इसकी पढ़ाई कराई जा रही है। जीएसटी का अर्थ, इसके नियम सहित इससे जुड़ी सभी जानकारियां छात्रों की दी जा रही हैं। इसे भी तीसरे सेमेस्टर में ही जोड़ा गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री के आने की संभावना :
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वृहद स्तर पर होने जा रहे इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह हो सकते हैं। उन्हें आमंत्रित करने के लिए कुलपति प्रो. केएल वर्मा के दिल्ली जाने की चर्चा है। उनके इनकार करने की स्थिति में बतौर अतिथि किसे बुलाया जाएगा, यह अभी तय नहीं हुआ है। अर्थशास्त्र के छात्रों को इस सम्मेलन से कई नई जानकारियां मिलेंगी। विश्वविद्यालय ने अगले माह होने वाले इस समारोह की तैयारियां शुरू कर दी है। सम्मेलन की तैयारियों को लेकर एसोसिएशन की एक्जिक्यूटिव कमेटी की बैठक भी हो चुकी है।
दिसंबर में जुटेंगे 2 हजार अर्थशास्त्री
पं. रविशंकर शुक्ल विवि में होने जा रहे इंडियन इकॉनॉमिक एसोसिएशन के 102वें वार्षिक सम्मेलन में अमेरिका के नोबल पुरस्कार विजेता जोसेफ स्गिलिश और बंगलादेश के मोहम्मद यूनुस शामिल होंगे। तीन दिवसीय यह सम्मेलने 27,28 एवं 29 दिसम्बर को होगा। छत्तीसगढ़ को पहली बार इसकी मेजबानी मिली है। देश दुनियाभर के दो हजार से अधिक अर्थशास्त्री सम्मेलन में शिकरत करेंगे। देश में आर्थिक सुदृढ़ता कैसे लाइ्र जाए, इस पर सम्मेलन में चर्चा की जाएगी। इंडियन इकॉनॉमिक एसोसिएशन देश की सबसे पुरानी संस्थाओं में से एक है। इसकी स्थापना के 102 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। प्रतिवर्ष इसका सम्मेलन होता है। लगभग 2 हजार अर्थशास्त्री इसका हिस्सा बनेंगे।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS