महज दो मिनट में पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर की हो रही है किरकिरी, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा - दोषी डॉक्टर के खिलाफ होगी कार्रवाई

बिलासपुर। बिलासपुर में महज 2 मिनट के भीतर शव का पोस्टमार्टम करने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पीएम करने वाले डॉक्टर की जमकर किरकिरी हो रही है। इस खबर को INH न्यूज़ ने प्रमुखता से प्रसारित किया था। रविवार को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने डॉक्टर के कारनामे पर कड़ी नाराजगी जाहिर किया। उन्होंने दो मिनट में पोस्टमार्टम करने के मामले में हैरानी भी जताई है। सिंहदेव ने कहा कि, दो मिनट में पीएम करना संभव ही नहीं है, बल्कि औसतन एक घंटा पीएम करने में लगता है। सिंहदेव ने कहा कि अगर डॉक्टर ने अपने कर्तव्य का पालन सही तरीके से नहीं किया है तो ये उल्लंघन की श्रेणी में है। मंत्री ने कहा कि दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि बीते 20 अगस्त को जिले के तखतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम उमरिया (हरदी) में 20 वर्षीय युवती शहोदरा प्रजापति की खेत में काम करने के दौरान करेंट की चपेट में आने से मौत हो गई थी। मामले की जानकारी होने से मौके पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर शव पीएम के लिए तखतपुर चिरघर भेज दिया। पुलिस विवेचना में देर शाम होने की वजह से मंगलवार को पीएम नहीं हो सका और बुधवार को मृतका शहोदरा प्रजापति का पीएम कराया गया। तब शिफ्ट में तखतपुर ब्लाक के मेडिकल आफिसर (BMO) डॉ. निखलेश गुप्ता तैनात थे। उन्होंने महज दो मिनट में शव का पीएम कर दिया। परिजन इस माजरे को कुछ समझ पाते, तब तक BMO चिरघर से रवाना हो गए थे।
पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टर निखलेश गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि पोस्टमार्टम के लिए कोई समय निर्धारित नहीं है। पीएम दो मिनट में भी हो सकता है और 10 मिनट भी लग सकता है। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि पोस्टमार्टम के दौरान पहले शव के बाहरी हिस्सों को देखा जाता है फिर अंदरूनी हिस्सों की जांच की जाती है। डॉक्टर ने आगे बताया कि पोस्टमार्टम में पाया गया कि मृत व्यक्ति के दोनों हाथों में करंट से चोट के निशान पाए गए हैं साथ ही अंदरूनी हिस्सों की जांच के दौरान करंट से मौत होना पाया गया।
वहीं इस मामले को लेकर तखतपुर के अधिवक्ता विवेक पांडेय ने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि अक्सर ऐसा देखा जाता है कि पुलिस रिपोर्ट के आधार पर ही डॉक्टरों द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कर दिया जाता है, जो की गलत है। 2 मिनट या 10 मिनट में पोस्टमार्टम सम्भव ही नहीं है। अगर किसी डॉक्टर द्वारा ऐसा किया जाता है तो यह घोर लापरवाही की श्रेणी में आता है और इस मामले की जांच होनी चाहिए। इस मामले में मृतका के परिजनों का कहना है कि पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करने के लिए डॉक्टर साहब से कई बार हाथ जोड़ना पडा है, वे हर बार आ रहा हूं कह कर घंटों इंतजार कराते हैं। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर परिजनों ने नाराजगी जाहिर की है।
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