मंतूराम के बयान के बाद कांग्रेस ने कहा- जोगी, रमन, मूणत और अमित को राजनीति छोड़ देनी चाहिए

रायपुर। अंतागढ़ उपचुनाव टेपकांड मामले में पूर्व विधायक मंतूराम पवार के बयान के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मच गई है। इस मामले को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि उपचुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी की खरीद-फरोख्त की पूरी कहानी साफ हो गई है। कांग्रेस के संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, अजीत जोगी, राजेश मूणत और अमित जोगी को राजनीति छोड़ देनी चाहिए।
कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में कांग्रेस नेता शैलेश नितिन त्रिवेदी और प्रदेश महासचिव गिरीश देवांगन ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि हमें पहले से ही शक था कि अंतागढ़ विधानसभा में प्रत्याशी की खरीद-फरोख्त हुई है, जिसके लिए हमने दिल्ली में जाकर धरना भी दिया था। दिसंबर 2015 में अंतागढ़ ऑडियो टेप आने के बाद से मंतूराम पवार के बयान तक जो कुछ भी उजागर हुआ है, वह लोकतंत्र के लिए घातक है। अभी रमन सिंह के दामाद डा. पुनीत गुप्ता की भूमिका का विवरण आना बाकी है, क्योंकि ऑडियो टेप में हम सबने उनकी आवाज भी सुनी थी। मंतूराम पवार के बयान से यह स्पष्ट है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, पूर्व विधायक अमित जोगी ने मिलकर एक व्यापक षडयंत्र रचा था। इन चारों नेताओं ने मिलकर लोकतंत्र को शर्मसार ही नहीं किया, बल्कि लोकतंत्र की हत्या भी की है।
झीरम में भी रमन सरकार की भूमिका
उन्होंने कहा कि अंतागढ़ उपचुनाव में सात करोड़ रुपए में कांग्रेस के प्रत्याशी को मैदान से हटाने के लिए डॉ. रमन सिंह ने अपने साथी अजीत जोगी के साथ मिलकर सारे हथकंडे अपनाए। इसमें सत्ता का दुरुपयोग भी शामिल है, क्योंकि मंतूराम पवार ने अपने बयान में कहा है कि उन्हें एसपी ने धमकाया था कि उनका भी हश्र झीरम की तरह कर दिया जाएगा। श्री त्रिवेदी ने कहा कि इस बयान से यह भी स्पष्ट हुआ है कि न केवल अंतागढ़, बल्कि झीरम में भी रमन सरकार की भूमिका थी। तभी तो वे झीरम जैसा कांड करने की धमकी दे रहे थे।
कांग्रेस के आरोप सही साबित हुए
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अंतागढ़ उपचुनाव के समय से ही चुनाव आयोग से लेकर पुलिस तक सबसे शिकायत की थी और इस धांधली की जांच की मांग की थी। लेकिन रमन सिंह सरकार की पुलिस ने कोई जांच नहीं की और जब कांग्रेस की सरकार ने अंतागढ़ की जांच शुरू की तो इसका विरोध शुरू कर दिया। कांग्रेस के आरोप अक्षरश: सही साबित हुए हैं और अब इतने सबूत हैं कि कोई इनसे इनकार भी करे तो भी जनता उस पर भरोसा अब तो नहीं करने वाली है।
7 करोड़ कहां से आए, इसकी जांच हो
कांग्रेस ने मांग की है कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि सौदे के लिए जो सात करोड़ दिए गए, वह राशि तत्कालीन मंत्री राजेश मूणत के पास कहां से आई। मंतूराम पवार के बयान के आधार पर दोषी अधिकारियों और बिचौलियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS