अमित जोगी की तबीयत में सुधार, खुद जेल जाने की जताई इच्छा

बिलासपुर। चुनावी हलफनामे में जन्मस्थान की गलत जानकारी देने के मामले में जेल गए अमित जोगी की तबीयत में सुधार के बाद उन्हें वापस उप जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि अमित जोगी ने खुद ही जेल जाने की इच्छा जताई थी। उनका ईसीजी (ECG) टेस्ट भी कराया गया है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
सांस लेने में तकलीफ की शिकायत
अमित जोगी की तबीयत खराब होने के बाद उन्हें बुधवार देर रात समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौरेला में भर्ती कराया गया था। सांस लेने में तकलीफ होने की वजह से देर रात जेल में अमित जोगी अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। जिसके बाद जेल के प्रभारी चिकित्सक ए.आई. मिंज ने जोगी को स्वास्थ्य परीक्षण की सलाह देते हुए मातृ शिशु अस्पताल (एम.सी.एच.) में भर्ती कराया था।
खारिज हो गई थी जमानत याचिका
गलत नागरिकता बताने के आरोप में गिरफ्तार जकांछ नेता अमित जोगी की जमानत याचिका सेशन कोर्ट ने बुधवार को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उन्होंने प्रजातंत्र के पवित्र मंदिर राज्य विधानसभा में निर्वाचित सदस्य होने के लिए कूटरचना कर दस्तावेजों को हासिल किया है और यह मामला विचाराधीन है। मामले की स्वयं पैरवी करते हुए अमित जोगी ने सर्वोच्च न्यायालय का दृष्टांत स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी विरुद्ध राजनारायण 7 नवंबर 1975 दिया, जिसे कोर्ट ने मानने से इंकार करते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसके पहले मंगलवार को गौरेला की लोअर कोर्ट से खारिज हो चुकी थी।
आरोपी अमित जोगी ने स्वयं अपनी पैरवी की, अमित जोगी के साथ उनके वकील एस के फरहान ने भी उनका पक्ष रखा और जमानत देने की गुहार लगाई। अमित जोगी की ओर से तर्क दिया गया कि उनके द्वारा किसी प्रकार का झूठा शपथ पत्र नहीं दिया गया है और हाईकोर्ट द्वारा चुनाव याचिका में समस्त तथ्यों का निराकरण किया जा चुका है। अमित जोगी ने 21 जनवरी 2014 को कवासी लखमा के एक चुनाव याचिका मामलो का दृष्टांत प्रस्तुत करते हुए तर्क दिया और अपने खिलाफ पंजीबद्ध अपराध को पूर्णत: तथ्यहीन और राजनीतिक द्वेषवश दर्ज किया जाना बतलाते हुये जमानत स्वीकार करने का निवेदन किया, जिसके विरोध में शसकीय लोक अभियोजक ने जमानत नहीं दिए जाने का पक्ष रखते हुए मामले को गंभीर प्रवृत्ति का बतलाया।
अतिरिक्त लोक अभियोजक ने आपत्ति जतलाते हुए कहा कि अमित जोगी के खिलाफ उपरोक्त धाराओं के तहत मामला दर्ज कर विवेचना की जा रही है। जिसमें विवेचना में संकलित साक्ष्य एवं दस्तावेजों से प्रथम दृष्टया ही अपराध प्रमाणित होता है। उन्होंने आरक्षित मरवाही सीट से नामांकन दाखिल रकने के लिए एसडीएम गौरेला के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया था, जाति प्रमाणपत्र के लिए उन्होंने अपना जन्म सारबहरा पटवारी हलका नंबर 20 बताया लाया है। जबकि उन्होंने नागरिकता प्राप्त करने के लिए अपने आवेदन में जन्म स्थान डल्लास टेक्सास यूएसए बतलाया है यह भी दलील दी गई कि अमित जोगी विधि स्नानत हैं और कनून का ज्ञान रखते हैं।
उन्होंने कपटपूर्वक अनुसूजाति जाति जनजाति का जाति प्रमाणपत्र प्राप्त किया हैै, इसके लिए अपना सही जन्म स्थान टेक्सास न बतलाकर ग्राम सारबहरा बताया है। प्रजातंत्र के पवन मंदिर में प्रवेश के लिए कुटरचना जमानत आवेदन को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि प्रजांतत्र के पावन मंदिर विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होने के लिए अमित जोगी के दस्तावेजों की कूटरचना की, जो कि गंभीर प्रकृति का है। चूंकि मामला विवेचना में है, ऐसे में वे साक्ष्यों को भी प्रभावित कर सकते हैं। इस आधार पर अमित जोगी की जमानत याचिका खारिज दी गई।
तत्काल जेल दाखिल
इसके पहले अमित जोगी को अपना पक्ष रखने के तुरंत बाद जेल दाखिल कर दिया गया, क्योंकि अमित जोगी को प्रोडक्शन वारंट के तहत अपनी पैरवी करने के लिए न्यायालय के आदेश के तहत लाया गया था, वहीं फैसला जारी होते ही जोगी समर्थकों में जहां मायूसी पसर गयी। इधर, अमित की पत्नी ऋचा जोगी कोर्ट रूम पहुंची थीं। जेल पहुंचते ही अमित तजोगी की तबीयत बिगड़ गई।
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