पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द होने पर बोले गृहमंत्री ताम्रध्वज, पहले परीक्षा दे चुके परीक्षार्थियों को मिलेगी छूट

पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द होने पर बोले गृहमंत्री ताम्रध्वज, पहले परीक्षा दे चुके परीक्षार्थियों को मिलेगी छूट
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पुलिस महकमे द्वारा हजारों बेरोजगारों के आरक्षक बनने का सपना तोड़ने के बाद आज गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द करने पर कहा कि जो परीक्षा पास कर चुके हैं और अब उनकी उम्र ज्यादा हो गई है उन परीक्षार्थियों को छूट मिलेगी।

रायपुर। पुलिस महकमे द्वारा हजारों बेरोजगारों के आरक्षक बनने का सपना तोड़ने के बाद आज गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द करने पर कहा कि जो परीक्षा पास कर चुके हैं और अब उनकी उम्र ज्यादा हो गई है उन परीक्षार्थियों को छूट मिलेगी। उन्होंने कहा कि आरक्षक भर्ती परीक्षा में गड़बड़ियां थी इसलिए इसे रद्द किया गया है। यदि हम इसे रद्द नहीं करते तो भविष्य में परीक्षार्थियों को ही परेशानी होती।

गृहमंत्री ने कहा, वे परीक्षार्थी जिन्होंने परीक्षा पास कर थी और अब उनकी उम्र ज्यादा हो गई है तो उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है उन्हें उम्र और परीक्षा शुल्क से छूट दी जाएगी। बीते शनिवार को डीजीपी डीएम अवस्थी ने विधि विभाग के अभिमत को आधार कर भर्ती रद्द करने का आदेश दिए थे। संभवतः छत्तीसगढ़ में ये पहला मामला है, जब पुलिस भर्ती की सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भर्ती रद्द कर दी गई हो।

गौरतलब है 29 दिसंबर 2017 को तत्कालीन डॉ. रमन ​सरकार में पुलिस आरक्षक के 2259 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इसके लिए मई-जून 2018 में जिलावार शारीरिक दक्षता परीक्षा ली गई। इसमें 1 लाख से ज्यादा आवेदक शामिल हुए। इस टेस्ट को पास कर 61 अभ्यर्थियों ने सितंबर 2018 में आरक्षक पद के लिए लिखित परीक्षा दी थी। लिखित परीक्षा के कुछ दिन बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लग गई। इसके बाद से परीक्षा परिणाम का इंतजार अभ्यर्थी कर रहे थे। लेकिन पुलिस मुख्यालय ने साल 2017 में आयोजित पुलिस भर्ती का रिजल्ट जारी करने से पहले 29 सितंबर 2019 को इस भर्ती को रद्द करने का आदेश जारी कर दिया गया। तर्क दिया गया है कि भर्ती प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया गया। हालांकि नियमों का पालन नहीं करने वाले किसी अफसर के खिलाफ कार्रवाई का संकेत नहीं है।

इसका दूसरा पक्ष यह भी है कि आरक्षक भर्ती के रिजल्ट को लेकर हाईकोर्ट बिलासपुर में सुनवाई चल रही है। साल 2017 में तत्कालीन सरकार ने छत्तीगढ़िया बेरोजगारों को नौकरी देने के उद्देश्य से 2259 पदों की भर्ती शुरू की। सालभर तक चली प्रक्रिया में करीब 60 हजार बेरोजगार अलगण्अलग स्तरों पर शामिल हुए। 10 हजार आवेदक फाइनल परीक्षा में शामिल हुए थे। इसमें 2259 छत्तीसगढ़ निवासियों को नौकरी मिलनी थीए जिससे उनके परिवार को दो वक्त का निवाला मिलने की उम्मीद थी, लेकिन सरकार और पुलिस अफसरों की लड़ाई में गरीबों का भी निवाला छिन गया।

युवाओं ने किया था प्रदर्शन छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग की तरफ से 29 दिसंबर 17 को आरक्षक के 2259 पदों के लिए भर्ती परीक्षा का विज्ञापन निकाला गया और परीक्षा आयोजित की गई थी। राज्यभर में जिलास्तर पर फिजिकल, मेडिकल और लिखित परीक्षा का आयोजन किया गया, लेकिन पुलिस विभाग की तरफ से रिजल्ट जारी नहीं किया गया। रिजल्ट जारी करने को लेकर ईदगाहभाटा मैदान पर हजारों युवकों ने धरना प्रदर्शन किया था। साथ ही, आवेदकों ने हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई थी। इसके बाद भी रिजल्ट जारी नहीं किया गया। इस पूरी भर्ती प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया गया।

इसका आदेश में जिक्र

आदेश के मुताबिक छत्तीसगढ़ पुलिस कार्यपालिक बल आरक्षक नियम 2007 संशोधन संबंधी 21 फरवरी 2018 को जारी अधिसूचना के आधार पर आयोजित की गई 2259 आरक्षक पद की भर्ती प्रक्रिया की गई थी। इसे छत्तीसगढ़ शासन गृह विभाग का पत्र क्रमांक एफ 2.23 दो.गृह.रापुसे 2017 को दिनांक 29 जुलाई 2019 के माध्यम से विधि विभाग से अभिमत प्राप्त हुआए जिसमें छत्तीसगढ़ पुलिस बल आरक्षक नियम 2007 के तहत भर्ती वैध नहीं हैए इसलिए भर्ती को निरस्त किया जाता है। कोर्ट में लंबित है प्रकरण आवेदक राजू यादव के मुताबिक आरक्षक भर्ती का रिजल्ट नहीं घोषित होने पर बेरोजगारों ने मार्च 2019 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की। 18 मार्च को हाईकोर्ट ने दो माह में रिजल्ट घोषित करने का आदेश दियाए लेकिन पुलिस मुख्यालय ने इसका पालन नहीं किया। इसके बाद आवेदक ने कोर्ट ऑफ कंटेंप्ट की याचिका दाखिल की। सुनवाई में हफ्तेभर में जवाब मांगा गयाए अब एक अक्टूबर को तारीख निर्धारित है।


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