Chhattisgarh: IT को तीन सौ करोड़ की चपत, बेकारी की कगार पर मैकेनिक

Chhattisgarh: IT को तीन सौ करोड़ की चपत, बेकारी की कगार पर मैकेनिक
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कंप्यूटर, लैपटॉप के साथ इसके पार्ट्स और हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर का काम भी प्रभावित।

रायपुर। लॉकडाउन के चलते प्रदेश में आईटी सेक्टर को तीन सौ करोड़ की चपत लगी है। इसी के साथ दस हजार से ज्यादा हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर मैकेनिकों के पास भी काम नहीं रह गया है। इन्हें भी हर माह 10 से 30 हजार तक का नुकसान हो रहा है। इनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

कोरोना के कहर के कारण कंप्यूटर, लैपटॉप के साथ इसके पार्ट्स और हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर का काम भी प्रभावित हुआ है। प्रदेश में इसका सबसे बड़ा बाजार राजधानी रायपुर में है। यहां सौ से ज्यादा बड़ी दुकानें हैं, जहां पर आईटी सेक्टर से जुड़े सामानों की बिक्री होती है। यहां से प्रदेश के दूसरे शहरों में लोग माल लेकर जाते हैं।

डेढ़ सौ करोड़ का मासिक व्यापार

आईटी सेक्टर के कारोबार से जुड़े लोग बताते हैं, इसका हर माह करीब डेढ़ सौ करोड़ का कारोबार पूरे राज्य में होता है। इसका कारोबार करने वाले प्रदेश में छोटे-बड़े मिलाकर पांच हजार दुकानदार हैं। बड़े शोरूम रायपुर में जहां सबसे ज्यादा हैं, वहीं अन्य शहरों में भी आधा से एक दर्जन तक इससे जुड़े कारोबारी हैं। छोटे दुकानदारों का हर माह एक से पांच लाख तक का कारोबार हो जाता है। बड़े शोरूम में 10 लाख से ज्यादा का व्यापार होता है। इनके व्यापार का कोई आंकलन नहीं है। कारोबारी कहते हैं, दो माह में कम से कम तीन सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है।

मैकेनिक संकट में

एक तरफ जहां आईटी सेक्टर में कंप्यूटर, लैपटॉप और पार्ट्स बेचने वाले परेशानी में हैं, वहीं सॉफ्टवेयर के साथ हार्डवेयर का काम करने वाले मैकेनिक बहुत ज्यादा संकट में हैं। राजधानी के साथ कई शहरों में ये मैकेनिक कंप्यूटर और लैपटॉप की रिपेयरिंग का काम करते हैं। दो माह से इनका पूरा काम ठप पड़ा है। एक मैकेनिक हर माह 10 से 30 हजार तक का काम आसानी से कर लेता है। कई मैकेनिकों का काम ज्यादा भी होता है। कई मैकेनिक नामी कंपनियों में नियमित रूप से सेवाएं देते हैं। इनका काम एक तरह से ठेके पर चलता है, लेकिन लॉकडाउन के कारण दफ्तरों में भी ताले लगने के कारण इनका काम रुक गया है।

आसानी से मिले लोन

छत्तीसगढ़ कंप्यूटर एंड मीडिया डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक विधानी का कहना है कि केंद्र सरकार ने भले बड़े राहत पैकेज का ऐलान किया है, लेकिन छोटे व्यापारियों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार को बैंकों को निर्देश देने चाहिए कि छोटे व्यापारियों को आसानी से लोन उपलब्ध कराया जाए। बैंक वाले व्यापारियों को घुमाने का काम ज्यादा करते हैं।

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