कोर्ट ने दिया परिवार के 12 सदस्यों को आजीवन कारावास, 3 साल पहले डंडे से पीट-पीटकर की थी पड़ोसी की हत्या

कोर्ट ने दिया परिवार के 12 सदस्यों को आजीवन कारावास, 3 साल पहले डंडे से पीट-पीटकर की थी पड़ोसी की हत्या
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छत्तीसगढ़ दुर्ग जिले में गलतफहमी के चलते हुए मामूली विवाद में पड़ोसी की हत्या के मामले में कोर्ट ने 13 आरोपियों में से 12 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं तेरहवें आरोपी की मामला विचारधीन के दौरान मौत हो गई थी।

छत्तीसगढ़ दुर्ग जिले में गलतफहमी के चलते हुए मामूली विवाद में पड़ोसी की हत्या के मामले में कोर्ट ने 13 आरोपियों में से 12 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं तेरहवें आरोपी की मामला विचारधीन के दौरान मौत हो गई थी।घटना तीन पहले वर्ष 2016 की है। भिलाई-3 थाना क्षेत्र के ग्राम पथर्रा में मात्र गलतफहमी के चलते यह घटना हुई थी। दरअसल, दो परिवारों के बीच गलतफहमी को लेकर शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि एक परिवार के सदस्यों ने मिलकर दूसरे परिवार के एक व्यक्ति की लाठी डंडों से पीट पीटकर हत्या कर दी। मृतक गणेश के भांजे के साथ मुख्य आरोपी दशरथ भारती के बहू का विवाद हुआ। मृतक पक्ष के थाने में जाने से गुस्साए आरोपी जगन्नाथ व उसके बेटों ने सहयोगियों के साथ मिलकर गणेश की हत्या कर दी।

मामले में 13 आरोपी पाए गए थे दोषी

पुलिस ने इस मामले में 13 आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर प्रकरण को अदालत के सामने पेश किया था। मामला कोर्ट में आने के करीब तीन साल बाद फैसला सुनाया गया है। दुर्ग न्यायालय के न्यायाधीश विजय साहू ने फैसला सुनाते हुए एक आरोपी को छोड़कर बाकी 12 आरोपियों को हत्या का दोषी मानते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला विचाराधीन होने के दौरान तेरहवें आरोपी की मौत हो गई थी।

गलतफहमी बनी बदले की वजह

इस मामले को लेकर अतिरिक्त लोक अभियोजक नागेश्वर यदु ने बताया कि साल 2016 में हुए विवाद की शुरुआत गलतफहमी से हुई थी। 13 मार्च 2016 की रात मृतक गणेश का भांजा जगन्नाथ भारती अपने दोस्त अक्षय के साथ पानी भरने प्राथमिक शाला के नल के पास पहुंचा था। जगन्नाथ ने दोस्त अक्षय को उसके नहाने के लिए पानी भरने के लिए बोलकर जाने लगा। अक्षय ने जवाब दिया कि मैं तुम्हारी बीवी नहीं हूं। पास में खड़ी आरोपी की बहू निशा को लगा कि उन्होंने उसके ऊपर कमेंट्स किया।

दो दोस्तों की आपसी बातचीत को अपने ऊपर लेकर मुख्य आरोपी दशरथ भारती की बहू निशा दोनों से झगड़ा करने लगी। जगन्नाथ भारती ने गलतफहमी का शिकार होने का हवाला दिया और समझाकर घर भेज दिया। मृतक के भांजे को लेकर मामला शांत हुआ। निशा ने घर पहुंचते ही ससुर दशरथ और पति कमल समेत परिवार के अन्य लोगों को अपने साथ दुर्व्यवहार के बारे में बता दिया।

लाठी-डंडे और फरसा लेकर पहुंचे सबक सिखाने

इस पर घर की बहू के साथ हुए अपमान का बदला लेने देवर करण भारती अपने साथियों के लेकर मृतक गणेश के भांजे जगन्नाथ से बदला लेने पहुंचे। उस दौरान बीच-बचाव में उतरे गांव के लल्लू उर्फ दीपक भारती के साथ मारपीट कर दी। लल्लू ने भिलाई -3 थाने जाकर देवर करण भारती, संजय और नहूस भारती के खिलाफ अपराध दर्ज करा दिया। इस बीच जब आरोपियों को उनके खिलाफ थाने में अपराध दर्ज कराए जाने की जानकारी मिली तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। इस बीच मुख्य आरोपी दशरथ भारती ने पारिवारिक सदस्य समेत दर्जनभर से ज्यादा लोगों को लेकर मृतक गणेश भारती के घर लाठी-डंडे और फरसा लेकर उसे दोबारा सबक सिखाने पहुंच गए।

खुन से लथपथ गणेश मिला गणेश

जिस समय आरोपियों ने मृतक के घर धावा बोला उस दौरान घर में मृतक के अलावा जगन्नाथ, विशाल, धनेश्नवर, टेटे उर्फ संगीत और राहुल भारती मौजूद था। दर्जनों की संख्या में हथियारों से लैस लोगों की जानकारी मिलने पर मृतक गणेश समेत परिवार के सभी सदस्य डर कर पिछले दरवाजे से भाग खड़े हुए। वहां से सभी सीधे की स्कूल बाउंड्रीवाल को पार करके गांव से बाहर निकलने लगे। लेकिन जब तक गणेश बाउंड्रीवाल पार कर पाता तब तक आरोपी उन्हें खोजते हुए वहां पहुंच गए और गणेश की हत्या कर दी। इधर घटना के करीब घंटेभर बाद आरोपियों के बचता हुआ मृतक का भांजा जगन्नाथ भारती अपने अन्य साथियों के संग जब घर पहुंच तो वहां मृतक मामा गणेश को ना पाकर खोजने निकल गए। मृतक खोजते हुए सभी जब स्कूल की बाउंड्रीवाल के पास पहुंचे वहा खुन से लथपथ गणेश पड़ा हुआ था।

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