LockDown : कविता और वीडियो के जरिए लोगों से अपील कर रहे हैं कलाकार

LockDown : कविता और वीडियो के जरिए लोगों से अपील कर रहे हैं कलाकार
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कवि क्रांति दीक्षित, मनीष मानिकपुरी, पुनीत सोनकर, अजय शर्मा आदि की कृतियों को मिल रही सराहना -

रायपुर। कोरोना को लेकर पूरी दुनिया दहशत में है। हर आदमी अपने स्तर पर, अपनी व्यवस्था के अनुसार कोरोना के कहर से बचाव के उपाय ना केवल अपने लिए ढूंढ़ रहा है, बल्कि दूसरों को भी बचाने की तमाम तरकीबें अपना रहा है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ी सिनेमा में कुछ पहल की गई हैं।

छत्तीसगढ़ी सिनेमा के कलाकार क्रांति दीक्षित और एडिटर मनीष मानिकपुरी ने मिलकर एक वीडियो बनाया है। इस वीडियो में छत्तीसगढ़ी सिनेमा के कई चेहरे एक कविता की पंक्तियों को पढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। क्रांति दीक्षित द्वारा लिखित कविता की पंक्तियां इस प्रकार हैं-

मेरे सपनो, मेरी उड़ानों के बीच आया है,

मेरे घर, मेरे अपनों के बीच आया है,

मेरे गाँव, मेरे शहर के बीच आया है।

मेरे मोहल्ले, मेरी गलियों के बीच आया है ।

मेरे मकसद, मेरे हौसले के बीच आया है,

मेरी चाहत, मेरी दोस्ती के बीच आया है,

मेरी आज़ादी, मेरी दौड़ के बीच आया है,

मेरी सुबह, मेरी शाम के बीच आया है।

मेरे काम, मेरे दफ्तर के बीच आया है,

मेरे स्कूल, मेरे कॉलेज के बीच आया है।

वो कमजोर करने की कोशिश करता,

बस दर्द का इक साया है।

उससे लड़ने आगे आया हू मैं,

उसे मिटाने आगे आया हू मैं,

ना डरूंगा खुद, ना डरने दूंगा तुम्हे,

ये साहस देने आया हूँ मैं तुम्हे,

घर है मंदिर अपना

परिवार है मेरा गहना

साथ उनके समय बिताना है,

इस महामारी को दूर भगाना है,

जीवन अनमोल है इसे बचाओ,

जन, परिवार, संसार बचाओ,

घर मे रहो करबंध निवेदन है,

दूर से ही सबका अभिनंदन है,

हाथ धोना आदत में शामिल करें,

समाज मे सम्मान हासिल करें,

मास्क लगाना जिम्मेदारी है

समाज के प्रति मेरी हिस्सेदारी है,

दूर हूँ सबसे लेकिन, सब के साथ हूँ

कोरोना की इस जंग में...

आपके, मैं साथ हूँ,

अपनों के, मैं साथ हूँ

डॉक्टर्स के, मैं साथ हूं,

पुलिस के, मैं साथ हूं

समाज के, मैं साथ हूं,

मरीजों के, मैं साथ हूं,

मजबूरों के, मैं साथ हूं,

सरकार के, मैं साथ हूँ

इस साथ में...

मुस्कान है, खुशियां हैं, जीवन है...

छत्तीसगढ़ के, मैं साथ हूं,

छत्तीसगढ़ियों के, मैं साथ हूं।

वतन के, मैं साथ हूँ

देशवासियों के, मैं साथ हूँ

इस साथ मे...

अपनापन है, एकता है, देशभक्ति है

मैं अपने, और अपनो के साथ हूं।

दूर हूँ सबसे लेकिन... मैं सब के साथ हूँ

इसी प्रकार, छत्तीसगढ़ी सिनेमा के मशूहर छायाकार, संपादक, अभिनेता और निर्देशक डॉ पुनीत सोनकर ने भी एक वीडियो बनाया है। रायपुर शहर की सुंदरता को बेहतरीन तरीके से दिखाते हुए उन्होंने बगैर किसी संवाद के सिर्फ दृश्यों से लॉकडाउन के पालन की अपील की है।

इस वीडियो की हर तरफ तारीफ भी हो रही है। छत्तीसगढ़ी फिल्मों के डायेरक्टर अनुपम वर्मा कहते हैं, मैंने डॉ. सोनकर की शार्ट फिल्म देखी है। बिना संवाद के बनी इस कृति में शहर की सुंदरता दिख रही है, वहीं ड्रोन कैमरे के सहारे उन्होंने शहर में लॉक डाउन की स्थिति और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपील को भी बेहद प्रभावी ढंग से दिखाया है। इन प्रयासों से पता चलता है कि छत्तीसगढ़ी सिनेमा किस तरह इस महामारी के संकट के प्रति जागरुक है। उन्होंने मनीष मानिकपुरी द्वारा निर्मित कविता पर आधारित वीडियो की भी प्रशंसा की है।

छत्तीसगढ़ और ओड़िशा की लोक कला और संस्कृति पर बेहतर पकड़ रखने वाले नामचीन कलाकार, जाने माने फिल्मकार क्षमानिधि मिश्रा कहते हैं, हरिओम फिल्म्स द्वारा लॉकडाउन पर निर्मित वीडियो मैंने देखा। यह एक डॉक्यूमेंट्री है। हम घरों में कैद रहकर नहीं देख पा रहे हैं कि बाहर क्या कुछ हो रहा है। यह वीडियो बताता है कि हर तरफ वीरानी है। चाहे मॉल हो, चाहे मंत्रालय हो, चाहे जय स्तंभ चौक या बाजार हो। हर तरफ वीरानी है, सिर्फ सूनीं सड़कें हैं। उसके सिवा कुछ नहीं है। ऐसा भयानक परिद्श्य पूरे विश्व में उत्पन्न हुआ है। हमारे रायपुर में भी ऐसा स्थिति होगी, ऐसी कल्पना हम नहीं कर रहे थे। लेकिन इस वीडियो के माध्यम से आज हमने इस परिदृश्य को देखा है। जो गरीब और जरूरतमंद दो वक्त की रोटी नहीं जुटा पा रहे हैं, उनकी दशा की कल्पना करना बहुत मुश्किल काम है। ऐसा दुख, ऐसा दर्द हमें ईश्वर ना दें, प्रकृति ना दें। यही भगवान से प्रार्थना है।

वीडियो बनाने वाले डॉ पुनीत सोनकर ने बताया कि लॉकडाउन पर बने तमाम वीडियो को यूट्यूब पर देखने के बाद इसे बनाने के बारे में सोचा। शुरुआत में लगा कि शायद लोगों को पसंद नहीं आएगा, लेकिन शहर में लगे होर्डिंग्स को देखकर लगा कि ऐसा किया जा सकता है। हमने लॉकडाउन के पालन की अपील के साथ साथ देश और दुनिया को रायपुर शहर की खूबसूरती को भी दिखाने की मंशा से इस वीडियो को बनाया है। अजय शर्मा ड्रोन कैमरे के जरिए इस वीडियो के भागीदार रहे हैं। परिकल्पना को अंतिम रूप देने में डॉ पुनीत सोनकर के साथ साथ अजय शर्मा की भी बराबर भूमिका रही।

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