मंत्री रेणुका सिंह ने दी Ceo और तहसीलदार को बंद कोठरी में बेल्ट खोलकर पीटने की धमकी, वीडियो वायरल

बलरामपुर। पीएम मोदी की टीम में प्रदेश से शामिल एक मात्र सांसद रेणुका सिंह अपने विवादित बयानों के कारण अक्सर सुर्ख़ियों में रही हैं। आदिवासी मामलों के मंत्रालय की केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह एक बार फिर अपने आपत्तिजनक बयानों के कारण विवादों में घिर गई हैं। रेणुका सिंह ने क्वारेंटाइन सेंटर के निरीक्षण के दौरान अपने आपा खो दिया और सीईओ और तहसीलदार को बंद कोठरी में बेल्ट खोलकर पीटने की धमकी दे डाली।
यह मामला बलरामपुर जिले के क्वारेंटाइन सेंटर का है, जहां मंत्री रेणुका सिंह ने धमकी देते हुए कहा कि- 'राज्य में हमारी सरकार नहीं है लेकिन ये न भूले 15 साल हमारी सरकार रही है हमारी सरकार में नक्सली खत्म हुए और विकास हुआ है। अधिकारी ये भूल न करें कि हमारे भगवाधारी कार्यकर्ता के साथ भेदभाव करेंगे तो उन्हें जवाब नहीं दिया जाएगा हमारे भगवाधारी कार्यकर्ता कमजोर नहीं है। तहसील और जनपद में बैठकर भाजपा कार्यकर्ताओं से भेदभाव करना छोड़ दो। अंधेरी कोठरी में ले जाकर बेल्ट खोलकर ठोकना जानती हूँ अच्छे से।'
क्या है पूरा मामला
बलरामपुर क्वारेंटाइन सेंटर में दूसरे राज्यों से आए कई लोगों को ठहराया गया है। 15 मई को दिल्ली से लौटे बलरामपुर निवासी दिलीप गुप्ता पिता चंद्रिका गुप्ता को भी क्वारेंटाइन किया गया था। युवक ने वहां की अव्यवस्था का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था।
इसकी सूचना मिलते ही 16 मई की रात करीब 11 बजे तहसीलदार शबाब खान व जनपद सीईओ विनय गुप्ता क्वारेंटाइन सेंटर में पहुंचे। यहां उन्होंने दिलीप गुप्ता की पिटाई कर दी और मोबाइल भी लूट ली थी। यही नहीं, युवक को बलरामपुर क्वारेंटाइन सेंटर से निकालकर ग्राम डौरा के क्वारेंटाइन सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया।
17 मई को युवक के पिता ने इसकी शिकायत बलरामपुर थाने में की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद दिलीप के पिता ने 20 मई को मामले की शिकायत कमिश्रर व आईजी से की थी।
वहीं राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने भी छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सीईओ व तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी।
क्वारेंटाइन सेंटर में युवक की पिटाई की खबर मिलते ही 22 मई को सरगुजा सांसद रेणुका सिंह युवक से मिलने डौरा क्वारेंटाइन सेंटर पहुंचीं। यहां युवक ने बताया कि बलरामपुर क्वारेंटाइन सेंटर में खाने-पीने, नहाने की अव्यवस्था व गंदगी को लेकर उसने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था।
इसके बाद सीईओ और तहसीलदार ने रात में पहुंचकर उसे गालियां दी। वहीं सीईओ विनय गुप्ता ने बाल पकडक़र पिटाई की तथा मोबाइल लूटने के लिए लात मारी तो वह ईंट पर गिर गया। उसने अपनी कमर के ऊपर लगी चोट भी सांसद को दिखाई।
युवक के शरीर पर चोट देखकर सांसद रेणुका सिंह भडक़ गईं। उन्होंने तहसीलदार और सीईओ को कड़ी फटकार लगाई। इसके बाद युवक की पिटाई के मामले में सांसद रेणुका सिंह ने बलरामपुर कलेक्टर व एसपी को जांच करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई करें।
बता दें कि विवादित छवि की वजह से उनकी 2013 के चुनाव में टिकट कट गई थी। और कहा जाता है कि इन्हें कारणों की वजह से 2018 में विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।
लेकिन 2019 में सरगुजा में भाजपा के पास कोई चेहरा नहीं होने वजह से लोकसभा की टिकट दी गई। और जीतने के बाद केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया है।
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