राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का हुआ भव्य शुभारंभ, राहुल गांधी ने किया महोत्सव का उद्घाटन

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का हुआ भव्य शुभारंभ, राहुल गांधी ने किया महोत्सव का उद्घाटन
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राहुल ने कहा कि आज यहां सभी कलाकारों को अपनी संस्कृति और सभ्यता दिखाने का मौका इस मंच में मिलेगा। यहीं अनेकता में एकता की झलक दिखाई देगी।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहली बार हो रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का भव्य शुभारंभ आज राजधानी रायपुर में किया गया। रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में महोत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किया। इस दौरान कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल रहे। महोत्सव में भारतीय राज्यों के अलावा बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, यूगांडा, बेलारूस और मालदीव के कलाकार भी मौजूद हैं।

इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी महोत्सव हो रहा है जहां आदिवासियों की बात होती है। छत्तीसगढ़ की सरकार को चलाने में आदिवासी की आवाज सुनी जाएं, उनकी बातें मानी जाएं। यहां सभी प्रदेशो के लोग आए है यह सरकार का अच्छा कदम है। देशभर के अन्य राज्यों का हाल आपको पता है। लेकिन छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की बात सुनी जा रही है। छत्तीसगढ़ की सरकार मिलकर काम कर रही है। यहां हिंसा में इसलिए कमी आई है क्यों कि विधानसभा में किसी एक कि नही बल्कि पूरे राज्य की आवाज सुनाई देती है। उन्होंने कहा कि हर देश के हर धर्म को, हर जाति को, आदिवासी दलितों को लिए बिना देश नही चलाई जा सकती है। राहुल गांधी ने कहा कि जब सब की बात सुनी जाएगी तब देश की अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी कम होगी। उन्होंने मुझे खुशी करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में सभी वर्गों को एक साथ लेकर सरकार चल रही है। आज यहां सभी कलाकारों को अपनी संस्कृति और सभ्यता दिखाने का मौका इस मंच में मिलेगा। यहीं अनेकता में एकता की झलक दिखाई देगी। अलग अलग संस्कृति उनकी आवाज सुनकर ही एकता बनेगी।




बता दें कि 27 दिसंबर से 29 दिसंबर तक होने वाले छत्तीसगढ़ में पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसने अब अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव का रूप ले लिया है। इस आयोजन को लेकर चार हजार दर्शकों की क्षमता वाला विशाल डोम तैयार किया गया है। इसमें दर्शकों के बैठने के साथ ही ग्रीन रूम, फूड जोन और शिल्म ग्राम भी सजाया गया है। तीन दिवसीय इस नृत्य महोत्सव में देश के 25 राज्य और केंद्र शासित राज्यों के साथ ही 6 देशों के करीब 1350 से अधिक कलाकार अपनी जनजातीय कला संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे। इस महोत्सव में 39 जनजातीय प्रतिभागी दल 4 विभिन्न विधाओं में 43 से अधिक अपनी नृत्य शैलियों का प्रदर्शन करेंगे।

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