पंचायत चुनाव में प्रत्याशी को नही मिला एक भी वोट, जबकि उसके परिवार में ही 12 सदस्य, पीठासीन अधिकारी की एसडीएम से की शिकायत

बिलासपुर। पंचायत चुनाव के दौरान एक अनोखा मामला सामने आया जब सरपंच पद के प्रत्याशी को मतगणना के दौरान कोई भी मत प्राप्त नहीं हुए। इस तरह उसे शून्य मत देना बता कर जमानत जप्त कर ली गई। जबकि उसके परिवार में ही 12 सदस्य हैं। शारीरिक रूप से दिव्यांग प्रत्याशी रमेश ने मामले में दुख जताते हुए पीठासीन अधिकारी की प्रक्रिया की शिकायत अनुविभागीय अधिकारी SDM के साथ गौरेला थाने में भी की है ।
मामला मरवाही जनपद पंचायत क्षेत्र के पिपरिया ग्राम पंचायत का है जहां सरपंच पद के प्रत्याशी रहे रमेश कुमार मरावी को ट्यूबलाइट छाप का चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया रमेश ने भी चुनाव जीतने की लालसा में हैंड बिल और पंपलेट छपवा कर अपना प्रचार घर-घर किया शारीरिक रूप से दिव्यांग रमेश ने मतदान और मतगणना के दौरान बार-बार खड़े होने और बैठने से बचने के लिए अपने एक एजेंट की नियुक्ति कर दी मतदान के दौरान सब कुछ सुचारू रूप से चलता रहा। पर जब मतगणना का वक्त आया तब पीठासीन अधिकारी ने रमेश के प्रतिनिधि के बार-बार आपत्ति दर्ज कराने पर आपत्ति करते हुए उसे मतगणना केंद्र से बाहर कर दिया और दरवाजा भी बंद कर दिया ।
और जब रिजल्ट आया तो रमेश के पैरों तले जमीन खिसक गई मतगणना के बाद रमेश को एक भी वोट प्राप्त नहीं हुए उसके वोटों की संख्या शून्य 0 बताई गई । उन्होंने बताया कि माता-पिता भाई-बहन बहू और पत्नी के साथ मेरे परिवार के सदस्यों की संख्या ही 12है। यदि मैं मान लूं कि माता-पिता के अलावा भाई बहनों ने भी मुझे वोट नहीं किया पत्नी ने भी वोट नहीं किया तो भी मेरा खुद का वोट कहां गया क्या मैं अपने आप को भी वोट नहीं करूंगा?
रमेश को अपने साथ पक्षपात का शक है और उसने पूरे मामले की लिखित शिकायत अनुविभागीय अधिकारी से की है साथ ही शिकायत के बाद रमेश को आशंका है कि विरोधी लोग उसके ऊपर हमला न कर दें इसलिए उसने पूरे मामले की शिकायत एवं सुरक्षा की मांग गोरेला थाने में लिखित रूप से की है।
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