'पौंता चेरिया' मामले में IFS बजाज को सस्पेंड करने पर भड़के तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी पी जॉय उम्मेन, कड़ी आलोचना करते हुए सरकार को लिखा खुला पत्र

पौंता चेरिया मामले में IFS बजाज को सस्पेंड करने पर भड़के तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी पी जॉय उम्मेन, कड़ी आलोचना करते हुए सरकार को लिखा खुला पत्र
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पी जॉय उम्मेन ने आईएफएस बजाज के निलंबन पर सरकार की कड़ी आलोचना की है. पी जॉय का कहना है कि लोगों ने हमारे द्वारा लिए गए विभिन्न कठिन निर्णयों की पृष्ठभूमि को देखने-समझने की परवाह नहीं की है. पी जॉय ने आगे लिखा है कि मुझे याद है कि सर्वेक्षण संख्या से पहले जहां फाउंडेशन पत्थर की साइट भी स्थित है. IIM को आवंटित किया गया था. इसे वैंडल से बचाना बहुत मुश्किल हो गया था. हमने IIM के साथ समझौते में स्पष्ट प्रावधान रखे थे कि वे शिलान्यास स्थल की सुरक्षा करेंगे.

रायपुर. 'पौंता चेरिया' मामले में आईएफएस एसएस बजाज को सस्पेंड करने पर तत्कालीन सीएस पी जॉय उम्मेन ने जमकर नाराजगी जताई है. पी जॉय उम्मेन ने इस संबंध में सरकार को खुला पत्र लिखा है. तत्कालीन मुख्य सचिव पी जॉय उम्मेन ने अपने पत्र में निलंबित आईएफएस एसएस बजाज को छत्तीसगढ़ का माटी पुत्र और ईमानदार अफसर बताया है. साथ ही बजाज को कर्तव्यनिष्ठा, सादगी और उत्कृष्ठता की मिसाल बताया है. पी जॉय उम्मेन ने आगे लिखा है कि नया रायपुर को साकार करने के चुनौतीपूर्ण कार्य के लिए पूरी दुनिया में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करने वाले , शासकीय इंजी कॉलेज रायपुर के मेधावी इंजीनियर को अपनी सेवाओं के लिए छत्तीसगढ़ी कहलाने वाली सरकार का स्वतंत्रता दिवस पर निलंबन का क्रूर, संवेदनहीन तोहफा मिला है.

पी जॉय उम्मेन ने आईएफएस बजाज के निलंबन पर सरकार की कड़ी आलोचना की है. पी जॉय का कहना है कि लोगों ने हमारे द्वारा लिए गए विभिन्न कठिन निर्णयों की पृष्ठभूमि को देखने-समझने की परवाह नहीं की है. पी जॉय ने आगे लिखा है कि मुझे याद है कि सर्वेक्षण संख्या से पहले जहां फाउंडेशन पत्थर की साइट भी स्थित है. IIM को आवंटित किया गया था. इसे वैंडल से बचाना बहुत मुश्किल हो गया था. हमने IIM के साथ समझौते में स्पष्ट प्रावधान रखे थे कि वे शिलान्यास स्थल की सुरक्षा करेंगे.

संभवतः यह अब आईआईएम की सीमा की दीवार के अंदर है और इसलिए संरक्षित है. आपके उत्तर में आप स्पष्ट रूप से उल्लेख कर सकते हैं कि भूमि के आवंटन के बारे में निर्णय आपके द्वारा नहीं बल्कि मेरे द्वारा लिया गया था. मुझे याद नहीं है कि क्या मामला एनआरडीए के बोर्ड में ले जाया गया था. मैं उस निर्णय की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं जो बिना किसी गलत इरादे के लिया गया था. 16 साल बाद अगर पत्थर अभी भी वहां है, तो नई सरकार को धन्यवाद देना चाहिए क्योंकि राज्य में एक सरकार और एक पार्टी थी जो 15 साल तक सत्ता में थी. जो 2003 में आधारशिला रखे जाने से नाखुश थे. मुझे खेद है कि आपने सामान्य रूप से राज्य को और नया रायपुर के व्यवस्थित विकास में जो महान योगदान दिया, उसके लिए बजाज को इस अत्याचारपूर्ण तरीके से पुरस्कृत किया गया.

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