दंतेवाड़ा का दंगल : सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियां पूरी, कल डाले जाएंगे वोट

दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए सोमवार को वोट डाले जाएंगे। मतदान सुबह सात बजे से शाम तीन बजे तक होगा। मतदान को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पर्याप्त मात्रा में जवानों को तैनात किया गया है। इस बार के चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। बीजेपी को जहां अपनी सीट बचाने की चुनौती है वहीं कांग्रेस के लिए साख की लड़ाई है। दोनों ही दलों ने अपनी तरफ से इस चुनाव को जीतने की पूरजोर कोशिश की है। कांग्रेस की तरफ से सीएम भूपेश बघेल , पीएल पुनिया, मोहन मरकाम आदि नेताओं ने जमकर प्रचार किया। वही बीजेपी की तरफ से पूर्व सीएम रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी आदि नेताओं ने अपने प्रत्याशी के समर्थन में वोट मांगा। बीजेपी की तरफ से दिवंगत विधायक भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी मैदान में हैं। वही कांग्रेस की तरफ से दिवंगत महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा मैदान में है। इन दोनों ही महिला नेत्रियों के पति नक्सली हमले में मारे जा चुके हैं।
दंतेवाड़ा की सीट एसटी के लिए आरक्षित सीट है। यह आदिवासी बहुल सीट है। इस सीट पर जीत हार में आदिवासियों की अहम भूमिका होती है। एक तरफ कांग्रेस अपने अब तक के कार्यकाल और सरकार के काम काज के बल पर जीत का दावा कर रही है, वही दूसरी तरफ बीजेपी भीमा मंडावी की हत्या को सहानुभूति में बदलने की कोशिश कर रही है। दोनों ही उम्मीदवारों के बीच रोचक मुकाबला होने की उम्मीद है। अगर दंतेवाड़ा विधानसभा की बात की जाए तो यहां कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली है।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान 9 अप्रैल की शाम नक्सलियों ने विधायक भीमा मंडावी की हत्या कर दी थी। उसमें विधायक के साथ चार सुरक्षाकर्मी भी शहीद हो गए थे। जिसके बाद यह सीट खाली हो गई थी। अब इस सीट के लिए सोमवार को मतदान किया जाना है।
2003 का चुनाव - वर्ष 2003 के चुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई थी। कांग्रेस के दिग्गज नेता महेंद्र कर्मा ने यहां से चुनाव जीता था। उन्हें बस्तर टाइगर के नाम से भी जाना जाता था। उन्होंने सीपीआई के नंदा राम सोरी को हराकर जीत दर्ज की थी।
2008 का चुनाव - 2008 विधानसभा चुनाव में यह सीट बीजेपी के खाते में आ गई। बीजेपी की तरफ से भीमा मंडावी ने यहां जीत दर्ज की थी। उन्होंने सीपीआई के उम्मीदवार मनीष कुंजाम को हराया था।
2013 का चुनाव - 2013 के चुनाव में यह सीट पुनः कांग्रेस के खाते में चली गई थी। कांग्रेस के दिग्गज नेता महेंद्र कर्मा झीरम घाटी नक्सली हमले में शहीद हो गए थे। जिसके बाद उनकी पत्नी देवती कर्मा को कांग्रेस ने मैदान में उतारा। देवती कर्मा ने बीजेपी प्रत्याशी और विधायक भीमा मंडावी को हराया था।
2018 का चुनाव - 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जोरदार वापसी की थी। बीजेपी की तरफ से भीमा मंडावी ने वापसी करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी देवती कर्मा को हराया था।
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