मजदूरों की घर वापसी की राह नहीं आसान, काट रहे दफ्तरों के चक्कर

मजदूरों की घर वापसी की राह नहीं आसान, काट रहे दफ्तरों के चक्कर
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रायपुर जिलेभर के आवेदन सिर्फ तहसील दफ्तर में हो रहे जमा, जबकि नोडल अफसर बने हैं तीन। पढ़िए पूरी खबर-

    • दूसरे राज्य जाने वालों के आवेदनों की स्क्रूटनी होती है एसडीएम दफ्तर में और पास जारी करते हैं एडीएम

• 800 आवेदन एसडीएम से एडीएम दफ्तरों के रिकॉर्डरूम में कैद हैं।

रायपुर। कोरोना महामारी में डेढ़ महीने से छत्तीसगढ़ में फंसे दूसरे राज्यों के मजदूर से मुसाफिर तक की घर वापसी की राह आसान नहीं है। सरकार के फरमान के बाद अफसरों ने आवेदन जमा करने से ट्रैवल पास जारी तक की प्रक्रिया इतनी जटिल कर दी हैं कि 24 से 48 घंटों में आवेदक को ट्रैवल पास मिलना बेहद कठिन है। ट्रैवल पास जारी करने नोडल व स्क्रूटनी अफसर तैनात करने के बाद दो दिन में दूसरे राज्य जाने वाले एक हजार लोगों ने आवेदन किए हैं, लेकिन महज 10 फीसदी को भी ट्रैवल पास मिला है। करीब 800 आवेदन एसडीएम से एडीएम दफ्तरों के रिकॉर्डरूम में कैद हैं।

दरअसल, आवेदन की स्क्रूटनी करने व पास जारी करने तीन-तीन एसडीएम और एडीएम को जिम्मेदारी सौंपी गई है। एसडीएम दफ्तर में स्क्रूटनी होती है और एडीएम दफतर से पास जारी होता है। इससे आवेदन एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर तक पहुंचने में ही दो दिन का वक्त गुजर जाता है। ऐसी दशा में पास लेने वाले निवास वापसी की उम्मीद छोड़ने लगे हैं।

आवेदन सिर्फ एक दफ्तर में होता है जमा

जानकारी के मुताबिक आवेदनों की स्क्रूटनी और पास जारी करने तीन-तीन अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन दूसरे राज्य जाने वालों के आवेदन सिर्फ रायपुर तहसील दफ्तर में जमा किए जाते हैं। यहां रोज 450 से 500 लोग आवेदन करते हैं। मंगलवार व बुधवार दो दिन में करीब 900 से 1000 लोगों ने रायपुर तहसील दफ्तर में आवेदन जमा किए हैं। यही नहीं, डीएफओ रायपुर दफ्तर में जमा आवेदनों की भी तहसील दफ्तर में ही इंट्री होती है। यही वजह है, आवेदन जमा करने वालों की तहसील दफ्तर में भीड़ उमड़ रही है।

इसलिए पास जारी होने में परेशानी

जानकारी के मुताबिक रायपुर तहसील दफ्तर में आवेदनों को राज्य व स्क्रूटनी अफसर के अनुसार इकट्ठा किया जाता है। वहां स्क्रूटनी करने के बाद संबंधित एडीएम दफ्तर में आवेदन भेजे जाते हैं। पास जारी या कैंसिल एडीएम कार्याल में तय होता है। वहां से फिर पास को तहसील दफ्तर भेजा जाता है। इसके बाद आवेदक को मिलता है। हालांकि इस बीच आवेदक के मोबाइल पर मैसेज भी भेजा जाता है। यही वजह है, 24 से 48 घंटों में आवेदनों पर एडीएम दफ्तरों से फैसला नहीं हो रहा है और आवेदक तहसील दफ्तर से एडीएम दफ्तर चक्कर काट रहे हैं।

साढ़े 5 हजार आवेदन लंबित

जानकारी के मुताबिक छग में लॉकडाउन लागू करने से अप्रैल अंत तक करीब 8 हजार लोगों ने रायपुर से दूसरे जिले में जाने ई-पास व मैन्यूवल पास के लिए आवेदन किए हैं, लेकिन महज ढाई हजार लोगों को ही ट्रैवल पास मिल सका। अब भी करीब साढ़े 5 हजार आवेदन लंबित पड़े हैं, जिनका जवाब आवेदकों को नहीं मिला है।

इन्हें स्क्रूटनी और पास जारी का अधिकार

आदेश के मुताबिक रायपुर जिले से मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना जाने वाले के आवेदनों की स्क्रूटनी का एसडीएम प्रणव सिंह को जिम्मा सौंपा गया है, जबकि पास जारी एडीएम विनीत नंदनवार करते हैं। वहीं, उत्तरप्रदेश, झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम कर्नाटक और केरल के आवेदनों की स्क्रूटनी एसडीएम विनायक शर्मा और एडीएम पदमिनी भोई पास जारी करती हैं। इसके अलावा, जम्मू काश्मीर, हिमांचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और तमिलनाडु के आवेदनों की स्क्रूटनी एसडीएम सूरज कुमार साहू और एडीएम एनआर साहू पास जारी करते हैं।

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