रानी खेडा गाँव में 7 साल बाद खोली बंद डाकघर की शाखा

दिल्ली देहात के रानी खेड़ा गांव में ग्रामीणों व काॅलोनीवासियों को डाकघर की सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है। जिसके चलते आसपास के लोगों में डाक विभाग प्रशासन के प्रति रोष व्याप्त है।
चौगामा विकास समिति के महासचिव विजेंद्र सिंह डबास ने यह जानकारी देते हुए बताया कि डाक विभाग के अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों तक सुविधाएं पहुंचाना नहीं चाहते हैं और इनकी मनमानी के चलते गांव मुबारकपुर डबास, मदनपुर डबास, रानी खेड़ा, रसूलपुर व आसपास की दर्जनों काॅलोनियों के निवासी खामियाजा भुगत रहे हैं।
समिति महासचिव ने कहा कि रानी खेड़ा गांव का शाखा डाकघर पिछले करीब सवा 7 साल से बंद पड़ा हुआ था और अब मार्च 2020 से डाक विभाग ने उन्हें शुरू कर दिया है। इससे ग्रामीणों एवं आसपास की कॉलोनियों के लाखों लोगों में डाक विभाग के उपेक्षित रवैए के कारण भारी रोष है।
बता दें कि चौगामा विकास समिति ने यहां पर शाखा डाकघर खोलने की बजाय उप-डाकघर खोलने की मांग की थी, जिसमें स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री,बड़ी बचत के खाते खोले जा सके लेकिन डाक विभाग के प्रवर अधीक्षक, सहायक निदेशक, पोस्टमास्टर जनरल ने क्षेत्र के पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री के आदेश की पूर्णता अनदेखी की गई और वही पुरानी व्यवस्था शाखा डाकघर खोल कर खानापूर्ति कर दी।
चौगामा विकास समिति ने पिछले 7 वर्षों में इतना अधिक पत्राचार किया, आरटीआई का सहारा लिया तो अधिकारियों ने कहा कि निशुल्क भवन उपलब्ध करा दे। समिति ने रानी खेड़ा गांव की चौपाल पर सफेदी करा दी और वहां खोलने को कहा तो एसएसपी नॉर्थ ने कहा कि चौपाल में डाकघर खोलने के लिए क्षेत्रीय खंड विकास अधिकारी की आधिकारिक अनुमति चाहिए।
खंड विकास अधिकारी ने अनुमति नहीं दी तो हमने कहा कि उत्तरी दिल्ली में जो 37 किराए के भवन में चल रहे हैं तो 38 वां डाकघर भी जनता की मांग पर किराए के भवन में क्यों नहीं खोल रहे।
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