दूसरे राज्यों से दिल्ली लाए गए थे 5 बच्चे, डीसीडब्ल्यू ने छुड़ाया

दिल्ली महिला आयोग ने सोमवार देर रात दिल्ली के निहाल विहार इलाके से दूसरे राज्यों से आए 5 बच्चों को एक प्लेसमेंट एजेंसी से रेस्क्यू करवाया है। ये बच्चे उत्तर प्रदेश, ओड़िसा और छत्तीसगढ़ से दिल्ली लाए गए थे। सभी बच्चों की मेडिकल जांच करवाने के बाद उन्हें शेल्टर होम में भेजा दिया गया है और डीसीडब्ल्यू ने पुलिस से एफआईआर दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग करने के साथ बच्चों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने अपील की है।
डीसीडब्ल्यू की 181 हेल्पलाइन पर शिकायत मिली कि चंद्र विहार की एक प्लेसमेंट एजेंसी में छोटे बच्चों को काम पर लगवाने के लिए अवैध रूप से रखा गया है। शिकायत पर डीसीडब्ल्यू की टीम तुरन्त मौके पर पहुंची और वहां पहुंचकर पुलिस को सूचित किया। पुलिस की मौजूदगी में टीम प्लेसमेंट एजेंसी के ऑफिस में पहुंची जहां 7 बच्चे रहते हुए मिले। बच्चों के साथ आॅफिस में ललिता नामक प्लेसमेंट एजेंसी की मालकिन भी थी।
बच्चों और प्लेसमेंट एजेंसी की मालकिन को लेकर पुलिस और डीसीडब्ल्यू की टीम निहाल विहार पुलिस स्टेशन पहुंची। बच्चों से बात करके पता चला कि उनमें से एक बच्चा 13 साल का है, जो उन्नाव का रहने वाला है और अनाथ है। उसकी बुआ ने उसे दिल्ली यह कहकर भेजा था कि ये लोग तुम्हारी पढ़ाई के लिए दिल्ली लेकर जा रहे हैं। वो बच्चा पिछले 1 महीने से वहीं रह रहा था। सबसे छोटी बच्ची की उम्र 5 साल है और सुंदरगढ़ जिले की रहने वाली है।
बच्ची ने बताया कि वो 2 दिन पहले अपनी मां के साथ दिल्ली आई थी और उसकी मां ही उसे यहां छोड़कर गयी है। इसके अलावा 2 बच्चे अपनी भाभी के साथ दिल्ली घुमाने के नाम पर दिल्ली लाए गए थे। रेस्क्यू करवाई गई एक 20 साल की लड़की ने बताया कि वो दिल्ली में 1 साल से काम कर रही थी और उसे अपने घर पर कभी कभी ही बात करवाई जाती थी। उसकी तनख्वाह भी पूरी नहीं मिली थी।
पूछताछ में पता चला कि प्लेसमेंट एजेंसी की मालकिन का पति बलात्कार के मामले में पहले से ही जेल में बंद है। सभी बच्चों की मेडिकल जांच करवाने के बाद उन्हें शेल्टर होम में भेजा गया। बच्चों को चाइल्ड वेलफेयर समिति के सामने प्रस्तुत किया गया है। स्वाति मालीवाल ने कहा कि पुलिस जल्द से जल्द एफआईटार दर्ज करे, अपराधियों को अरेस्ट करे और बच्चों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाया जाए। इसके अलावा जो बच्चे अनाथ हैं उनके भी पुनर्वास पर काम करने की जरूरत है।
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