Nirbhaya Rape Case : निर्भया के गुनहगारों की रूक सकती है फांसी, जानें क्या है मामला

Nirbhaya Rape Case : निर्भया के गुनहगारों की रूक सकती है फांसी, जानें क्या है मामला
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निर्भया रेप केस : निर्भया रेप केस के आरोपियों ने एड़ी-चोटी का जोर लगा लिया है। लेकिन फिर भी उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। अब फिर से वो फांसी की सजा टालने की कोशिश करने के लिए नए पैतड़े लगा रहे हैं।

निर्भया रेप केस : निर्भया रेप केस के दोषियों की फांसी 20 मार्च को होनी है। इससे पहले तीन बार फांसी की तारीख को टाला जा चुका है। ऐसा लग रहा है कि मौत से पहले तक उनकी जान इसी तरह जेल में फड़फड़ाती रहेगी। वहीं सारी याचिकाओं के रद्द होने के बाद 20 मार्च की फांसी को तय माना जा रहा है।

बता दें कि ये दोषी आखिरी दिन तक भी अपना हर दाव लगा लेना चाहते हैं। अब उन्होंने फिर से एक नया दाव खेला है। जिसके कारण उन गुनहगारों की फांसी फिर से टल सकती है।

मांगी गई क्यूरेटिव पिटिशन दोबारा दाखिल करने की इजाजत

निर्भया रेप केस के दोषी मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर की है। जिसमें क्यूरेटिव पिटिशन दोबारा दाखिल करने की इजाजत मांगी गई है। दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा है कि धीरे-धीरे बाकी दोषियों के तरफ से भी ये याचिका दाखिल की जाएगी। जिससे फांसी की सजा को टाला जा सकता है।

मौलिक अधिकार से रखा गया वंचित

मुकेश के नये वकील एमएल शर्मा ने मुकेश के तरफ से एक अर्जी दाखिल की है। जिसमें कहा है कि उसके खिलाफ साजिश रची गई है। साथ ही उसे मौलिक अधिकार से भी दूर रखा गया है।

उसने कहा है कि उसे इस बारे में जानकारी ही नहीं दी गई थी कि लिमिटेशन एक्ट के तहत क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करने के लिए तीन साल का समय दिया जाता है। जिसके लिए 16 मार्च की सुनवाई की तारीख दी गई है। अगर 16 मार्च को किसी कारणवश सुनवाई टल जाती है तो 20 मार्च की फांसी भी टल सकती है।

दी जाएगी खारिज हो चुकी दया याचिका को चुनौती

विनय के वकील एपी सिंह ने कहा है कि वो एक और याचिका दायर करेंगे। जिसमें दिल्ली सरकार के द्वारा दया याचिका खारिज करने की सिफारिश को चुनौती दी जाएगी।

उन्होंने कहा है कि दिल्ली सरकार ने उस समय दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की, जब दिल्ली में चुनाव होने वाले थे और दिल्ली में आचार संहिता लागू थी। उन्होंने कहा है कि आचार संहिता लागू रहने के समय दया याचिका खारिज करने की सिफारिश नहीं की जा सकती। यह सवाल वो अदालत में उठाएंगे।

एक और दया याचिका की जाएगी दायर

अक्षय के वकील ने कहा है कि अक्षय की पहली दया याचिका अधूरी और दूसरी पेंडिंग थी। जिसके दौरान ही 5 मार्च को फांसी की तारीख तय कर दी गई थी। इस मामले के लिए कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की जाएगी।

साथ ही पवन के वकील ने कहा है कि पवन के दया याचिका खारिज करने के बाद 24 घंटे के अंदर ही डेथ वारंट जारी कर दिया गया था। जिससे पवन को दोबारा अपील करने का मौका नहीं दिया गया था। उन्होंने कहा कि इन सारी बातों को कोर्ट के सामने रखा जाएगा और फांसी की सजा की तारीख को टालने की मांग की जाएगी।

नहीं टल सकती है फांसी तारीख

बता दें कि अब फांसी की तारीख को बदलने की उम्मीद काफी कम है। अगर कोर्ट को लगता है कि दाखिल की गई किसी भी अर्जी के लिए तारीख को टालने की जरुरत है, तभी फांसी की तारीख को टाला जाएगा। इसलिए अब फांसी की तारीख को टालना मुश्किल है।

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