हेड कांस्टेबल रत्न लाल के आरोपियों को पुलिस ने इस तरह से पकड़ा

दिल्ली पुलिस के पीआरओ मंदीप सिंह रंधावा ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि चांद बाग इलाके में पुलिस टीम पर हमला करना उपद्रवियों द्वारा सोची-समझी साजिश थी। हमले से पूर्व आरोपी सलीम मलिक घटना स्थल के आसपास सीसीटीवी कैमरों को तोड़ता दिखाई दे रहा था। सीसीटीवी फुटेज, लोगों के बयान और वीडियो के आधार पर पुलिस ने सलीम को गिरफ्तार किया है। बाद में पुलिस ने इसकी निशानदेही पर मो. जलालुद्दीन, मो. अय्यूब, मो. यूनुस, आरिफ, मो. दानिश और मो. सलीम खान को पकड़ा। पीआरओ ने आगे बताया कि सभी आरोपी सीसीटीवी फुटेज, वीडियो और उनकी मोबाइल लोकेशन उस स्थान पर मिली, जहां हेड कांस्टेबल रत्न लाल पर हमला हुआ था।
अब तक 712 एफआईआर दर्ज, 215 लोग गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस के पीआरओ मंदीप सिंह रंधावा ने बताया कि नॉर्थ-ईस्ट हिंसा मामले में पुलिस अब तक 712 एफआईआर दर्ज कर 215 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। ऑर्म्स एक्ट के तहत पुलिस ने 51 मामले दर्ज कर 54 लोगों को पकड़ा है, जिसमें पुलिस ने 100 से अधिक पिस्टल व 60 कारतूस बरामद किये है। इसके अलावा पुलिस ने 3,340 लोगों को हिरासत में लिया था, जिन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। पुलिस ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने के मामले में 20 एफआईआर दर्ज कर 25 लोगों को गिरफ्तार किया है। अतिरिक्त सुरक्षा बलों की 100 कंपनियों के अलावा लोकल पुलिस को भी हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनात किया हुआ है। वहीं, पीआरओ ने बताया कि नॉर्थ-ईस्ट डीसीपी ऑफिस में हिंसा पीडि़तों के लिए स्पेशल डेस्क लगाया है। यहां आकर पीडि़त आसानी से अपनी शिकायत दे सकते है। उनकी शिकायत लिखी जायेगी और उस पर कार्रवाई भी होगी।
फेस रिकग्निशन तकनीक का किया जा रहा है इस्तेमाल
पीआरओ ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड और अन्य पहचान पत्रों का डाटा सरकार से मांगकर हिंसा में शामिल आरोपियों का फेस रिकग्निशन किया जायेगा। इसकी मदद से आरोपियों की पहचान आसानी से हो जाती है। हिंसा में शामिल 300 से अधिक लोग दिल्ली के बाहर से थे।
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