बच्चे के पीठ के नीचे पूंछ देख डॉक्टर और परिजन हुए हैरान, देखने के लिए अस्पताल में उमड़ी भीड़

बच्चे के पीठ के नीचे पूंछ देख डॉक्टर और परिजन हुए हैरान, देखने के लिए अस्पताल में उमड़ी भीड़
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मैनपुरी (Mainpuri) के ऑटो चालक कश्लेन्द्र कुमार (Kashlendra Kumar) ने सोमवार को अपनी पत्नी अलका (Alka) को डनकुअर हेल्थ सेंटर (Dunkuar Health Center) में सुबह 10 बजे भर्ती किया। दोपहर को करीब 1:38 मिनट पर नार्मल डेलिवरी हुई। नवजात (Child) और उसकी मां बिल्कुल ठीक थे। लेकिन तभी डॉक्टरों ने बच्चे के निचले हिस्से में एक पूंछ (Tail) देखा। जैसे ही खबर फैली आस पास के लोग बच्चे को देखने के लिए अस्पताल में उमड़ पड़े।

दिल्ली से सटे यूपी के ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में एक ऐसे बच्चे ने जन्म लिया है जिसे देखने के लिए वहां लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। अस्पताल (Hospital) के कर्मचारी से लेकर आसपास के लोग उस बच्चे को देखने के लिए अस्पताल में जुट गए जिसकी वजह से डॉक्टरों (Doctors) को बच्चे को उसके माता-पिता के साथ घर भेजना पड़ा।

दरअसल ग्रेटर नोएडा के दनकौर स्थित प्राइमरी हेल्थ सेंटर में एक महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया लेकिन उस बच्चे की पीठ के निचले हिस्से पर 'पूंछ' की तरह एक हिस्सा उभरा हुआ था। इसे देखकर डॉक्टर ही नहीं उसके परिजन भी हैरान रह गए। यह बात जैसे ही अस्पताल में फैली कर्मचारी भी उस बच्चे को देखने पहुंच गए।

मैनपुरी के ऑटो चालक कश्लेन्द्र कुमार ने सोमवार को अपनी पत्नी अलका को डनकुअर हेल्थ सेंटर में सुबह 10 बजे भर्ती किया। दोपहर को करीब 1:38 मिनट पर नार्मल डेलिवरी हुई। नवजात और उसकी मां बिल्कुल ठीक थे। लेकिन तभी डॉक्टरों ने बच्चे के निचले हिस्से में एक पूंछ देखा। जैसे ही खबर फैली आस पास के लोग बच्चे को देखने के लिए अस्पताल में उमड़ पड़े।

कंजेनाइटल नॉर्मलिटी की वजह से हुआ ऐसा

'पूंछ' के साथ जन्म इस बच्चे को लोग आश्चर्यचकित होकर देखते रहे। वहीं 'पूंछ' जैसे अंग के साथ पैदा हुए इस बच्चे को लेकर डॉक्टर ने बताया कि कंजेनाइटल नॉर्मलिटी की वजह से ऐसा हुआ है और यह सिर्फ 1 या दो फीसदी लोगों में ही पाया जाता है जिसकी वजह से बाल ज्यादा होना, कान में कोई प्रॉब्लम या फिर किसी और अंग में ऐसी चीजें हो जाती है।

बच्चा पूरी तरह स्वस्थ

इस मामले को लेकर सीएमओ डॉक्टर अनुराग भार्गव ने कहा कि फिलहाल बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है और मां का दूध पी रहा है। ये एक तरीके का सैकोकोकीगल टेराटोमा प्रोविजनल डाइग्नोसिस होती है जो 1 या 2 फीसदी बच्चों में हो जाती है। इससे कोई खतरा नहीं होता है। जल्द ही बच्चे को अस्पताल में लाकर एमआरआई कराने के बाद इस मांस के टुकड़े को अलग कर दिया जाएगा। इससे बच्चे के जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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