दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्भया दोषी पवन की याचिका को किया खारिज,वकील पर लगा 25,000 का जुर्माना

दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्भया कांड के दोषी पवन कुमार गुप्ता के नाबालिग होने की दावा याचिका को खारिज कर दिया गया है। साथ ही पवन के वकील ए पी सिंह पर कोर्ट का समय बरबाद करने के लिये 25000 का जुर्माना लगाया और बार काउंसिल को कारवाई के लिये कहा। पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 24 जनवरी, 2020 के लिए सुनवाई स्थगित कर दी थी, जिस पर 2012 के गैंगरेप पीड़िता के वकीलों की आपत्ति जताने पर आज ही फैसला लिया गया।
CORRECTION: Court hasn't adjourned matter. Delhi HC Justice Suresh Kr imposed Rs 25,000 fine on AP Singh, lawyer of convict Pawan Kr Gupta, for wasting court's time&trying to play "hide & seek" by not showing up for hearing; also asked Delhi Bar Council to take action against him https://t.co/ij2qtP1mlM
— ANI (@ANI) December 19, 2019
निर्भया गैंगरेप के दोषी पवन गुप्ता ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख कर खुद को नाबालिग होने का दावा किया था। जिस पर आज दिल्ली हाईकोर्ट ने 24 जनवरी, 2020 के लिए सुनवाई स्थगित कर दी थी क्योंकि दोषी पवन कुमार गुप्ता के वकील एपी सिंह ने मामले में नए दस्तावेज दाखिल करने के लिए समय की मांग की थी। दिल्ली हाइकोर्ट ने निर्भया के वकीलों की आपत्ती पर अपना फैसला वापस लेकर आज ही सुनवाई करने का फैसला लिया है।
Delhi High Court has adjourned hearing for 24th January, 2020 as convict Pawan Kumar Gupta's lawyer Advocate AP Singh has sought time to file fresh documents in the matter. https://t.co/p31zmIP5ki
— ANI (@ANI) December 19, 2019
नाबालिग के आधार पर इस याचिका को जज सुरेश कुमार कैत के सामने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध (लिस्टेड) किया गया है। दोषी पवन ने घटना के समय खुद को नाबालिग घोषित करते हुए आरोप लगाया कि जांच अधिकारी ने उसकी उम्र का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच (Ossification Test) नहीं की थी।
उसने जुवेनाइल जस्टिस कानून (Justice Juvenile Act) के तहत छूट का दावा किया है। याचिका दाखिल कर उन्होनें कहा कि जेजे कानून की धारा 7ए में प्रावधान है कि नाबालिग होने का दावा किसी भी अदालत में किया जा सकता है और इस मुद्दे को किसी भी समय यहां तक कि मामले में सजा सुनाने के बाद भी उठाया जा सकता है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन को मौत की सजा सुनाई है। उसने अनुरोध किया कि नाबालिग होने का पता लगाने के लिए हड्डियों संबंधी जांच करने का निर्देश दिया जाए।
Pawan Kumar Gupta, one of the convicts on the murder row in the 2012 #Nirbhaya gang rape and murder case, has now approached the #DelhiHighCourt claiming to be a juvenile when the heinous incident took place.#NirbhayaCase
— IANS Tweets (@ians_india) December 18, 2019
Photo: IANS pic.twitter.com/4myxlajm3m
आपको बता दें कि 16 दिसंबर 2012 को छह लोगों ने निर्भया के साथ बस में गैंगरेप किया गया था। इस मामले में निचली अदालत ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है, जिसे बाद में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा है।
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