गर्मियों में ही फैलती हैं अफवाहें, बच्चा चोरी से पहले ये भी बनी थी सुर्खियां, खौफ में जिए थे लोग

देश में इस समय बच्चा चोरी की घटनाएं जंगल में लगी आग की तरह फैल रही हैं। बच्चा चोरी की अफवाह के बाद उग्र भीड़ के द्वारा हिंसा के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। दिल्ली समेत अन्य राज्यों में भी उत्तेजित भीड़ बिना सच जानें लोगों की पिटाई कर रही है।
हाल ही में हर्ष विहार में एक चार महीने की मूक-बधिर गर्भवती महिला को बच्चा चोरी के शक में भीड़ ने जमकर पीटा था। लेकिन यह कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी अलग-अलग तरह की अफवाहों की खबरे सामने आती रही हैं।
खास बात आपको बता दें कि किसी भी तरह की अफवाएं मई से लेकर सितंबर तक सामने आती हैं। जैसे-जैसे सर्दियों का मौसम नजदीक आता है बैसे-बैसे ये अफवाहें कम होती चली जाती हैं। तो चलिए आपको बता दें कि देशभर में कब कब कौन सी अफवाहें सुर्खियां बनी थी।
काला बंदर या मंकी मैन
साल 2001 में मई से सितंबर के बीच काल बंदर की अफवाह फैली थी। बताया गया था कि चार फिट के मंकी मैन के बदन पर घने वाले हैं और चेहरा हेलमेट से हल्का था। इस बंदर का खौफ दिल्ली एनसीआर समेत अन्य जगहों में भी था। बताया जाता था कि यह बंदर ऊंची इमरातों पर चढ़कर लोगों को मार रहा है।
मुंहनोचवा
साल 2002 में जून-अगस्त के बीच मुंहनोचवा के नाम से बड़ी तेजी के साथ अफवाह फैली थी। जिसमें बताया गया था कि कोई वस्तु है जिसमे लाइट जलती है और हवा में उड़ती है। जिसे देखकर लोग खौफ से छतों पर से नीचे कूद जाते थे। इसका खौफ पूर्वी यूपी में था।
सिलबट्टे वाली बुढ़िया
साल 2015 में जुलाई के बीच सिलबट्टे वाली बुढ़िया की अफवाह फैली थी।
इस अफवाह ने हरियाणा के किसी गांव से एक अफवाह ने जोर पकड़ा था और यूपी, राजस्थान चपेट में आ गए थे। अफवाह थी कि बुढि़या रात में घरों में आकर सिल बट्टे में छेद करती है। घरों में आवाज आती है अगर कोई देख ले तो मार डालती है।
चोटी चुड़ैल
साल 2018 में राजस्थान में बीकानेर के नोखा से एक अफवाह उड़ी कि एक महिला की चोटी कट गई है। जिसके बाद यह अफवाह हरियाणा के हिसार, मेवात, गुरुग्राम, पलवल, पुन्हाना होते हुए दिल्ली के कांगनहेड़ी, रनहौला, नंदनगरी और उत्तर प्रदेश के मथुरा, आगरा, नौहझील में पहुंच गई थी। महिलाओं ने चोटी को बांधकर रखना शुरू कर दिया था। पूरी-पूरी रात महिलाएं रातभर जागकर रात गुजारती थी।
मई-सितंबर के बीच ही फैलती हैं अफवाहें
जानकारी के लिए आपतो बदा दें कि गर्मियों के दिनों यानी मई-सितंबर के बीच ही अफवाहें फैलती हैं। इस समय बच्चा चोरी की अफवाहें तेजी की तरह फैल रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस अफवाहों के पीछे की वजह जानने के लिए उत्तर प्रदेश के क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारी और मनोचिकित्सक से बातचीत करने पर मामलू हुआ कि अफवाहों का दौर गर्मियों के मौसम मई-सितंबर के बीच में ही चलता है।
अक्टूबर से सर्दियों की शुरुआत होने लगती है तो अफवाहों का दौर भी कम हो जाता है। दिल्ली एम्स के एक मनोचिकित्सक ने बताया कि अफवाहों को उड़ाने वालों का मेंडल डिसऑर्डर से कोई लेना देना नहीं है। इन लोगों के एक तरह की बात आती है तो वह उसपर भरोसा कर लेते हैं और किसी न किसी माध्यम से दूसरों तक पहुंचा देते हैं। सोशल मीडिया के दौर में इनपर इनपर काबू पाना मुश्किल होता है।
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