निर्भया कांड : स्वाती मालीवाल ने राष्ट्रपति से की दोषी की दया याचिका खारिज करने की अपील

दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से 2012 के निर्भया हत्याकांड के एक दोषी द्वारा दायर दया याचिका को खारिज करने और दोषियों को 16 दिसंबर को फांसी देने की बृहस्पतिवार को अपील की। सात साल पहले इसी दिन जघन्य घटना हुयी थी। बलात्कार के दोषियों को दोषसिद्धि के छह महीने में मृत्युदंड दिए जाने की मांग को लेकर मालीवाल की भूख हड़ताल बृहस्पतिवार को तीसरे दिन भी जारी रही।
उन्नाव और हैदराबाद मामलों का हवाला देते हुए मालीवाल ने कोविंद को लिखे पत्र में कहा है कि अपराधियों के दिमाग में निश्चित और त्वरित सज़ा का डर नहीं है जो इन मामलों का कारण है। उन्नाव में पांच व्यक्तियों ने बलात्कार पीड़िता को कथित रूप से आग के हवाले कर दिया। वहीं हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि बेहद धीमी न्यायिक प्रक्रिया की वजह से कोई भी अपराधी इस तरह का जघन्य अपराध करने से डरता नहीं है।
16 दिसंबर 2012 को 23 साल की छात्रा के साथ वीभत्स तरीके से सामूहिक बलात्कार किया गया था। पीड़िता ने बाद में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। पीड़िता के साथ इतनी क्रूरता बरती गई थी कि पूरा देश हिल गया था। इसके बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस मामले में चार व्यक्तियों--मुकेश, पवन, विनय शर्मा और अक्षय कमार सिंह-- को दोषी ठहराते हुए मौत की सज़ा सुनाई गई थी। पांचवें आरोपी राम सिंह ने 2013 में तिहाड़ जेल में कथित रूप से खुदकुशी कर ली थी।
वहीं छठा दोषी नाबालिग था और उसे सुधार गृह में तीन साल की सज़ा दी गई थी। उसे 2015 में रिहा कर दिया गया था। विनय ने राष्ट्रपति से रहम की गुहार लगाई है। दिल्ली सरकार ने उसकी दया याचिका खारिज कर दी है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने उसकी दया याचिका को खारिज करने वाली फाइल को गृह मंत्रालय को भेज दिया है। मालीवाल ने कहा कि निर्भया के मामले को सात साल गुजर गए हैं और अब तक कोई न्याय नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि निर्भया की मां अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए इधर-उधर से अब भी भाग रही हैं।
मालीवाल ने कहा कि इस मामले का कोई अंत नहीं दिख रहा है और निर्भया के लिए इंसाफ का इंतज़ार लंबा खिंचता जा रहा है। इस संबंध में, मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि कृपया दया याचिका को खारिज कीजिए और सुनिश्चित कीजिए कि 16 दिसंबर से पहले दोषियों को फांसी पर लटकाया जाए।'' उन्होंने कोविंद से यह भी गुजारिश की कि वह केंद्र को पैनल की मांगों को पूरा करने का निर्देश दें।
इन मांगों में बलात्कार के मामले में दोषसिद्धि के छह महीने के अंदर दोषी को फांसी देने, निर्भया के बलात्कारियों को तुरंत फांसी देने, दया याचिकाओं का समयबद्ध निपटान और पुलिस संसाधनों में इज़ाफा शामिल है। मालीवाल ने इस बाबत मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है।
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