कांग्रेस की पूर्व एमसीडी पार्षद को 17 साल पुराने हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को कांग्रेस (Congress) की पूर्व एमसीडी पार्षद (MCD Councillor) शारदा जैन (Sharda Jain) और उनके साथी को आजीवन कारावास का सजा सुनाई है। उनके ऊपर आरोप था कि उन्होंने अपने साथी पार्टी के पार्षद आत्मा राम गुप्ता को 17 वर्ष पहले किडनैप किया और उनकी हत्या की थी। शारदा जैन नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली के केशवपुरम नगर निगम वार्ड से पार्षद थीं। उनके ऊपर त्रिनगर के वरिष्ठ पार्षद आत्मा राम गुप्ता की हत्या की साजिश करने का आरोप था। शारदा जैन को आत्माराम गुप्ता की एक दूसरी पार्टी की कॉर्पोरेटर मेमवती बरवाला से दोस्ती पसंद नहीं थी। जिसके चलते उन्होंने हत्या की साजिश रची।
बुलंदशहर की एक नहर में पड़ा मिला था शव
आत्मा राम गुप्ता 24 अगस्त 2002 को शारदा जैन के साथ दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में कांग्रेस की रैली में शामिल होने गए थे। इस दौरान उनका अपहरण हो गया था और पांच दिनों बाद उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर की एक नहर में उनका शव मिला था। न्यायधीश एमएम शानतनागौदर और अजय रस्तोगी की पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए शारदा जैन और उनके साथी राजेंद्र को दोषी करार दिया। कोर्ट ने उन्हें केस में फैसला सुनाते हुए उन्हें आजीवन कारवास की सजा सुनाई। केस में तीसरे आरोपी राज कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया।
पुलिस अधिकारियों की गवाही पर विश्वास नहीं करने का कोई कारण नहीं
फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शारदा जैन खुद ही पुलिस को घटनास्थल पर लेकर गई थीं। जहां आत्मा राम की हत्या की गई थी। इसलिए हमारे पास कोई कारण नहीं है जिसकी वजह से हम स्वतंत्र और निष्पक्ष पुलिस अधिकारीयों की गवाही पर भरोसा ना करें। कोर्ट ने कहा शारदा जैन, जो कि एक जनसेवक थीं, एमसीडी की पार्षद थीं। उनके खिलाफ पुलिस अधिकारियों द्वारा झूठ बोले जाने का कोई कारण नहीं था।
आखिरी बार मृतक को आरोपी के साथ देखा गया था
सुप्रीम कोर्ट ने तथ्यों को संज्ञान में लेते हुए कहा कि मृतक को आखिरी बार शारदा जैन के साथ देखा गया। इसके अलावा आखिरी बार उन दोनों को साथ देखे जाने और मृतक की मौत के समय में इतना कम अंतर है कि इस दौरान मृतक आत्मा राम का किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में आना संभव नहीं है। साथ ही, शारदा जैन द्वारा इस बारे में कोई सफाई नहीं दी गई कि मृतक के साथ देखे जाने का बाद वह कब और कैसे उनसे अलग हुई। कोर्ट ने शारदा जैन को सजा सुनाते हुए कहा कि शारदा जैन के मृतक आत्मा राम के साथ घनिष्ठ संबंध थे। जब आत्मा राम उन्हें किसी अन्य महिला के लिए नजरअंदाज करने लगे तब उन्होंने अपने भाई राजकुमार और दो अन्य आरोपियों के साथ उनकी हत्या करने की साजिश रची।
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