सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, RTI के दायरे में आएगा CJI का दफ्तर

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, RTI के दायरे में आएगा CJI का दफ्तर
X
सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने बड़ा फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) का ऑफिस भी सूचना के अधिकार यानी आरटीआई के तहत आएगा। फैसले में कहा गया है कि CJI ऑफिस एक पब्लिक अथॉरिटी है।

सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने बड़ा फैसला सुनाया है। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) का ऑफिस भी सूचना के अधिकार यानी आरटीआई के तहत आएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इसमें कुछ नियम भी जारी किए हैं। फैसले में कहा गया है कि सीजेआई ऑफिस एक पब्लिक अथॉरिटी है। इसके तहत ये आरटीआई में आएगा। हालांकि, दफ्तर की गोपनीयता बरकरार रहेगी।

कानून से ऊपर कोई नहीं - सुप्रीम कोर्ट

सीजेईआई रंजन गोगोई, जस्टिस एस. खन्ना, जस्टिस गुप्ता, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस रमन्ना वाली पीठ ने इस फैसले को पढ़ा। सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के आर्टिकल 124 के तहत इस फैसले को लिया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के द्वारा 2010 में दिए गए फैसले को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि RTI के तहत जवाबदेही से पारदर्शिता और बढ़ेगी। इससे न्यायिक स्वायत्तता, पारदर्शिता मजबूत होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे ये भाव भी मजबूत होगा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है।

2010 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला

कई वर्ष पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था कि चीफ जस्टिस के ऑफिस और सुप्रीम कोर्ट को RTI के अंतर्गत अपनी सूचनाओं को उसी तरह देना चाहिए जिस तरह देश में अन्य सार्वजनिक अथॉरिटी देती हैं। वर्ष 2007 में एक्टिविस्ट सुभाष चंद्र अग्रवाल ने जजों की संपत्ति जानने के लिए एक आरटीआई दाखिल की थी। इस मामले पर सूचना देने से इनकार कर दिया गया तो ये मामला केंद्रीय सूचना आयुक्त के पास पहुंचा। सीआईसी ने सूचना देने के लिए कहा. इसके बाद इस मामले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई । उन्होंने इस आदेश को बरकरार रखा.। वर्ष 2010 में सुप्रीम कोर्ट के जनरल सेक्रेटरी और सुप्रीम कोर्ट के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए।

और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App

Tags

Next Story