जब क्रिकेटर सलीम दुर्रानी ने परवीन बॉबी के लिए कही थी खाने के लाले पड़ने वाली बात तब एक्ट्रेस ने ऐसे दिया था जवाब

जब क्रिकेटर सलीम दुर्रानी ने परवीन बॉबी के लिए कही थी खाने के लाले पड़ने वाली बात तब एक्ट्रेस ने ऐसे दिया था जवाब
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दिवंगत एक्ट्रेस परवीन बॉबी अपने दशक की हिट अभिनेत्रियों में से एक थी। साल 1973 में फिल्म 'चरित्र' के साथ बॉलीवुड डेब्यू करने वाली परवीन बॉबी उस समय की हाईएस्ट पेड एक्ट्रेसेस में से एक थी। परवीन गुजरात के जूनागढ़ के राजघराने से आती थीं। परवीन बॉबी को लेकर एक बड़े भारतीय क्रिकेटर सलीम दुर्रानी ने एक बार कहा था कि ये किसी राजघराने से नहीं आती, बल्कि इसे तो खाने के भी लाले पड़ गए थे।

दिवंगत एक्ट्रेस परवीन बॉबी (Parveen Babi) अपने दशक की हिट अभिनेत्रियों में से एक थी। साल 1973 में फिल्म 'चरित्र' (Charitra) के साथ बॉलीवुड डेब्यू करने वाली परवीन बॉबी उस समय की हाईएस्ट पेड एक्ट्रेसेस में से एक थी। परवीन गुजरात के जूनागढ़ के राजघराने से आती थीं। परवीन बॉबी को लेकर एक बड़े भारतीय क्रिकेटर सलीम दुर्रानी (Salim Durani) ने एक बार कहा था कि ये किसी राजघराने से नहीं आती, बल्कि इसे तो खाने के भी लाले पड़ गए थे।


परवीन बॉबी उन दिनों अहमदाबाद के एक हॉस्टल में पढ़ाई करती थी। जब एक फंक्शन के दौरान डायरेक्टर बी आर इशारा की नजर उन पर पड़ी। डायरेक्टर ने उन्हें अपनी फिल्म चरित्र के लिए साइन कर लिया। इस फिल्म में परवीन के अपोजिट उस समय के मशहूर बल्लेबाज सलीम दुर्रानी को कास्ट किया गया था। सलीम दुर्रानी ने उस समय परवीन बॉबी के लिए बॉलीवुड कई लोगो से कहा था कि ये कोई राघराने की नहीं है। इसे तो खाने के भी लाले पड़े थे। कॉलेज के दिनों में ये खाने के लिए दिन भर मेरे एक दोस्त के घर पर पड़ी रहती थी। सलीम की बातों को सुनकर एक्ट्रेस ने उन्हें बहुत ही तगड़ा जवाब दिया था।


अपने एक इंटरव्यू में सलीम की इन बातों को सुनकर परवीन पहले हंसने लगी, फिर खुद को शांत करते हुए बोली, अगर मेरे पास खानें के पैसे नहीं होते तो ये बात मैं इस बात को बिना किसी दिक्कत के आराम से मान जाती। परवीन बॉबी ने कहा, हां मैं एक राजघराने से आती हूं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हर जगह मै इसे लिए- लिए फिरूं। जिस दौरान मै अहमदाबाद के एक हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती थी, तब अक्सर मै अपने एक जानकार के यहां जाया करती थी। कई बार ऐसा होता था कि मैं वहां सिर्फ खाने के लिए जाती थी। परवीन ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा था, सलीम दुर्रानी जिस क्रिकेटर को अपना दोस्त बोल रहे हैं वह हमारे परिवार के बेहद करीबी हैं, तो जब भी घर का खाना खानें का मन बनता था मैं वहां पहुंच जाया करती थी। कई बार मै अपनी सहेलियों को साथ लेकर के भी चले जाया करती थी। अब अगर किसी को ये गरीबी या फिर खाने के लाले की बात लगे तो किया भी क्या जा सकता है।

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