Goodbye Review: रीति रिवाज के लॉजिक के इर्द-गिर्द घूमती रही गुडबाय, अमिताभ की एक्टिंग लगी बेस्ट ...

Goodbye Review: रीति रिवाज के लॉजिक के इर्द-गिर्द घूमती रही गुडबाय, अमिताभ की एक्टिंग लगी बेस्ट ...
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गुडबाय फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। निर्देशक विकास बहल (Vikas Bahl) की गुडबाय फिल्म मौत के बाद की तैयारियों के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती हैं। फिल्म सिनेमाघरों में देखने के बाद कैसी है। इसके बारे में जानने के लिए पढ़े रिव्यू।

Goodbye Movie Review : अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) स्टारर फिल्म गुडबाय आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी हैं। फिल्म के रिव्यू की बात करें तो इसमे वो तमाम चीजें शामिल है जो एक सामान्य परिवार से देखने को मिलती है। अक्सर आपके घर में भी किसी ना किसी विषय पर चर्चा जरूर होती होगी। इसमे बर्थडे कैसे सेलिब्रेट करना है, वेकेशन पर जाने की लोकेशन, बच्चों की पढ़ाई से जुड़े सवाल शामिल होते हैं, लेकिन किसी परिवार के सदस्य के मरने के बाद की चर्चा को हमारे समाज में बेहद गलत माना जाता है। आपके साथ भी ऐसा हुआ होगा जब आप किसी को मर जाओं, मरते क्यों नहीं हो जैसे शब्दों को कहने पर पेरेंट्स से जमकर डाट सुनी पड़ी होगी। निर्देशक विकास बहल (Vikas Bahl) की गुडबाय फिल्म मौत के बाद की तैयारियों के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती हैं। फिल्म सिनेमाघरों में देखने के बाद कैसी है। इसके बारे में जानने के लिए पढ़े रिव्यू।

गुडबाय फिल्म हरीश भल्ला के परिवार की कहानी

गुडबाय फिल्म केवल एक फैमली ड्रामा फिल्म नहीं है ये हमारी रीति-रिवाजों को लेकर हमारी सोच और धारणाओं के पूरे दर्शय का फिल्मी चित्रण भी है। गुडबाय फिल्म चंडीगढ़ में रहने वाले हरीश भल्ला (अमिताभ बच्चन) और उनकी पत्नी गायत्री (नीना गुप्ता) के परिवार की कहानी बताती है। हरीश-नीना के चार बच्चे होते हैं जो पढ़ने के लिए विदेश में शिफ्ट हो जाते हैं। गायत्री की अचानक हार्ट अटैक से मौत हो जाती है। इसके बाद चारों बच्चे उनेक अंतिम संस्कार के लिए चंडीगढ़ पहुंचते हैं। मानों यही से फिल्म की कहानी शुरू होती है।

रीति रिवाज के पीछे के लॉजिक पर बहस

हरिश अपने चारों बच्चों से नाराज होते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी मां के निधन का दुख उनेक बच्चों को उतना नहीं है, जितना होना चाहिए। वहीं हरिश की बेटी तारा भी नाराज होती है। इसके पीछे कारण यह नहीं की उसकी मां की मौत हो चुकी हैं। बल्कि उसे उन तमाम रीति-रिवाज में शामिल होना पड़ेगा, जिससे वो बिल्कुल भी कनेक्ट नहीं कर पाती है। दरअसल तारा रीति-रिवाज के पीछे का लॉजिक और साइंस ढ़ूंढने की कोशिश करती है। यह फिल्म यूवा बच्चों और उनके पेरेंट्स के बीच के लॉजिक पर आधारित बहस के चित्रण को प्रस्तुत करती है।

गुडबाय को मिल रही इतनी रेटिंग

गुडबाय फिल्म को मीडिया रिपोर्ट में ज्यादातर 3.5 के आसपास की रेटिंग दी गई है। फिलहाल देखना दिलचस्प होगा कि अमिताभ बच्चन और रश्मिका मंदाना स्टारर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कैसा प्रदर्शन करने वाली है।

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