सोनू सूद के बाद प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए अमिताभ बच्चन भी आए आगे, बसों से मजदूरों को भेजेंगे घर

सोनू सूद के बाद प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए अमिताभ बच्चन भी आए आगे, बसों से मजदूरों को भेजेंगे घर
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खाने के पैकेट और पीपीई कीट के बाद प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने का काम करेंगे अमिताभ बच्चन, टीम को दिये ये निर्देश

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन (Lockdown) से हजारों लोग बेरोजगार होने के साथ ही मजदूर भूखे मरने की कगार पर आ गये हैं। ऐसे में फिल्म इंडस्ट्री से जुडे लोग इनकी मदद के लिए आगे आये हैं। इनमें (Sonu Sood) सोनू सूद से लेकर सलमान खान और अब अमिताभ बच्चन का भी नाम जुड गया है। जी हां अब तक (Amitabh Bachchan) अमिताभ बच्चन हर दिन मजदूरों के खाने की व्यवस्था कर रहे थे, लेकिन अब वह सोनू सूद की तरह ही प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने की मुहिम में जुट गये हैं। बताया जा रहा है मुंबई में प्रवासी मजदूरों को उनके उत्तर प्रदेश स्थित घरों पर पहुंचाने के लिए 10 बसों का इंतजाम किया है। जिस से जल्द से जल्द लोगों को अपने परिवार के पास पहुंचाया जा सके।

दरअसल, मीडिया रिपोर्ग्स के अनुसार, फिल्म इंडस्ट्री के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) "हाजी अली ट्रस्ट और पीर मखदूम साहेब ट्रस्ट के साथ मिलकर हर दिन दैनिक आधार पर पके हुए खाने के करीब 4500 पैकेट मजदूरों को बांटवा रहे हैं। वह यह पैकेजट मुंबई के कई इलाकों में बटवा रहे हैं। इसके साथ ही बिग बी ने अब तक 10,000 राशन पैकेट बांटे हैं। उन्होंने हॉस्पिटल और मुंबई पुलिस को अब तक 20 हजार पीपीई किट्स, मास्क और सैनिटाइजर भी दिये हैं। इसके साथ ही अब वह प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इतना ही नहीं इस बीच उन्होंने अपनी टीम को अलर्ट करते हुए कहा कि वह किसी भी हाल में मजदूरों की मदद करें।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan)मुंबई में रह रहे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इसके लिए अमिताभ बच्चन ने "अधिकारियों से समन्वय करने के बाद, शुरुआत के लिए गुरुवार को 10 बसें उत्तर प्रदेश के लिए रवाना करने का प्लान बनाया है। इनमें प्रवासी मजदूर अपने घरों तक आसानी से पहुंच सकेंगे। वहीं सोनू सूद भी मुंबई में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने में लगे हैं। वह अब तक हजारों बिहार, झारखंड और यूपी के मजदूरों को उनके घर पहुंचा चुके हैं। इसके लिए उन्होंने मजदूरों को खाने से लेकर बस और चप्पलों की भी व्यवस्था खुद ही की है। वह लगातार मजदूरों की मदद में जुटे हुए हैं।

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