BHUJ के रिलीज होते ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मिले अजय देवगन, पोस्ट शेयर कर एक्टर ने कही ये बात

BHUJ के रिलीज होते ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मिले अजय देवगन, पोस्ट शेयर कर एक्टर ने कही ये बात
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बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन की हाल ही में फिल्म 'भुज द प्राइड ऑफ इंडिया' रिलीज हुई है। कल यानी 13 अगस्त को ये फिल्म डिजीटल प्लेटफॉर्म डिजनी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई है। फिल्म रिलीज होते ही इसके लीड एक्टर देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मिले।

बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन (Ajay Devgan) की हाल ही में फिल्म 'भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया' (BHUJ: The Pride Of India) रिलीज हुई है। कल यानी 13 अगस्त को ये फिल्म डिजीटल प्लेटफॉर्म डिजनी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई है। फिल्म रिलीज होते ही इसके लीड एक्टर देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) से मिले। इस बात की जानकारी अजय ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए दी है। अजय की इस रिसेंट रिलीज फिल्म में आपको 1971 के भारत- पाक के बीच हुए युद्ध को दिखाया गया है।

अजय देवगन ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट से हाल ही में एक पोस्ट शेयर किया है। एक्टर ने इस पोस्ट में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ अपनी फोटो शेयर की है। एक्टर ने इस फोटो को शेयर करते हुए बताया है कि रक्षामंत्री ने उनकी फिल्म 'भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया' के कुछ क्लिप्स भी देखें हैं। अजय ने इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा, "माननीय रक्षा मंत्री, भारत, श्री राजनाथ सिंह जी से मिलने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने 'भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया' की कुछ क्लिप देखीं। मेरे लिए यह फिल्म दिखाने का एक उपयुक्त प्लेटफॉर्म था। जय हिन्द।" एक्टर के इस पोस्ट को अबतक लाखों लोगों ने लाइक किया है। वहीं अगर फिल्म की बात करें तो इस फिल्म को आईएमबीडी (IMBD) पर 3 स्टार रेटिंग मिली है।

आपको बता दें कि फिल्म 'भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया' साल 1971 में हुए भारत- पाकिस्तान के युद्ध पर आधारित फिल्म है। इस युद्ध में पाकिस्तान ने भुज एयरबेस को पूरी तरह से नष्ट कर दिया था। इस पीरियड फिल्म में इंडियन एयरफोर्स के स्क्वाड्रन लीडर विजय कार्णिक (Vijay Karnik) को दिखाया गया है। विजय कार्णिक ने 1971 में हुए युद्ध के दौरान अपनी टीम के साथ स्थानीय गांव मधापा की 300 महिलाओं की मदद से भारतीय वायुसेना के हवाई अड्डे का पुनर्निर्माण किया था। विजय कार्णिक का यह साहस भरा कार्य एक महत्वपूर्ण क्षण था जिसने न केवल देश का मनोबल बढ़ाया, बल्कि भारत को युद्ध जीतने में भी मदद की थी।

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