Ayodhya Verdict: सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बॉलीवुड सितारों ने किया दिल खोलकर स्वागत, ट्वीट के जरिए लोगों को दी बधाईयां

Ayodhya Verdict: सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बॉलीवुड सितारों ने किया दिल खोलकर स्वागत, ट्वीट के जरिए लोगों को दी बधाईयां
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अयोध्या विवाद पर फैसला आने के बाद बॉलीवुड सितारों ने खुशी जताई। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिल खोलकर स्वागत किया। सितारों ने ट्वीट के जरिए लोगों से फैसले का आदर करने की अपील की और लोगों को बधाईयां भी दी।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पांच जजों की बेंच ने शनिवार को अहम फैसला सुनाकर रामजन्मभूमि (Ramjanmbhoomi) और बाबरी मस्जिद विवाद (Babri Mosque Dispute) पर ऐतिहासिक फैसला दिया है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक, केंद्र सरकार तीन महीने में योजना तैयार करेगी। योजना में बोर्ड ऑफ ट्रस्टी का गठन किया जाएगा। फिलहाल अधिग्रहित जगह का कब्जा रिसीवर के पास रहेगा। सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ की जमीन मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को बॉलीवुड सितारों ने दिल खोलकर स्वागत किया।

सुप्रीम कोर्ट के फैसेल पर बॉलीवुड एक्ट्रेस हुमा कुरैशी (Huma Qureshi) ने भी खुशी जताई और मामले को लेकर ट्वीट किया। हुमा कुरैशी ने ट्वीट के जरिए लोगों से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का लोगों से सम्मान करने की अपील की है। ट्वीट के जरिए हुमा कुरैशी ने कहा- 'माई डियर इंडियन.... कृपया आज अयोध्या विवाद पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करें... हम सभी को एक साथ मिलकर एक राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने की जरूरत है...

इसके अलावा, इंदु सरकार के डायरेक्टर मधुर भंडारकर (Madhur Bhandarkar) ने लिखा- मैं सुप्रीम कोर्ट के निष्पक्ष फैसले का स्वागत करता हूं... आखिरकार लंबे समय से लंबित ये विवाद अब सुलझ गया है। उनके इस ट्वीट पर लोगों ने 'जय श्री राम' के कमेंट लिखे। यही नहीं, ट्वीटर यूजर्स ने उन्हें इस मामले पर फिल्म बनाने का आइडिया भी दिया। कमेंट में युजर्स मामले पर फिल्म बनाने की मांग कर रहे है।

इसके अलावा, एक्टर कमाल आर खान यानी केआरके (Kamaal R Khan) ने फैसले पर खुशी जताई और ट्वीट करते हुए लिखा- मैं सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले (Ayodhya Verdict) का तहे दिल से स्वागत करता हूं.. सरकार को अयोध्या में राममंदिर बनाने की अनुमति दी जाए... इस फैसले ने मंदिर-मस्जिद के लंबे समय से चल रहे विवाद को खत्म कर दिया है। इसके लिए कोर्ट को धन्यवाद..

गौरतलब है कि बेंच ने फैसले पढ़ते हुए कहा कि मुस्लिम पक्ष यह सिद्ध नहीं कर पाया कि उनके पास जमीन के मालिकाना हक का एक्सक्लूसिव अधिकार था। हाईकोर्ट ने ज्वांइट पजेशन के आदेश दिए थे। संविधान कभी धर्म में भेदभाव नहीं करता। सीजेआई ने कहा कि मुस्लिमों का बाहरी अहाते पर अधिकार नहीं रहा। सुन्नी वक्फ बोर्ड ये सबूत नहीं दे पाया कि यहां उसका एक्सक्लूसिव अधिकार था। आपको बता दें कि सीजेआई ने 45 मिनट तक अपना फैसला पढ़ा। कोर्ट ने कहा कि हिंदू मुस्लिम विवादित स्थान को जन्मस्थान मानते हैं लेकिन आस्था से मालिकाना हक तय नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि ढहाया गया ढांचा ही भगवान राम का जन्मस्थान है, हिंदुओं की यह आस्था निर्विवादित है।

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