Death Anniversary: इरफान खान का टीवी से कुछ यूं शुरू हुआ सफर, बॉलीवुड से होकर ऐसे पहुंचा हॉलीवुड तक

बॉलीवुड के लीजेंड एक्टर इरफान खान(Irrfan Khan) को गुज़रे हुए आज एक साल हो गया है। गत वर्ष आज ही के दिन इरफान ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। भले ही इरफान इस दुनिया को छोड़कर चले गए है। लेकिन आज भी उनकी यादें ना सिर्फ उनके परिवार बल्कि फैंस के दिलों में अभी भी ताज़ा हैं। पिछले साल जब इरफान के न रहने की ख़बर आयी तो किसी को यक़ीन ही नहीं हुआ कि अपनी गजब की ऐक्टिंग और आंखों के एक्सप्रेशन्स से लोगों के दिलो को जीतने वाला अब उनके बीच नहीं है।
#Irfankhan the content king.Bollywood need irfan khans type actors who did good content movies.i really miss you irfan sir and i wish bwood actors don't do more remake movies.they need your inspiration sir. pic.twitter.com/pxacGfAdk9
— Nitin_Mal1k (@NitinMal1k) April 29, 2021
आज उनकी बरसी पर उनके तमाम चाहने वाले उन्हें सोशल मीडिया पर याद कर रहें हैं।
इरफान का फैमेली बैकग्राउंड मजबूत था लेकिन फिल्मी दुनिया में एक मुकाम हासिल करने के लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी। टेलीवीजन से हिंदी फिल्मों और फिर अंग्रेजी फिल्मों तक के सफर को तय करने के बीच हर दिन उन्होंने खुद को बेहतर बनाने का प्रयास किया। इरफान की पहली डेथ एनिवर्सरी के मौके पर हम आपको उनके इस सफर की कहानी सुनाते हैं जो शायद ही आपने पहले कभी सुनी हो।
इरफान का पूरा नाम साहबजादे इरफान अली खान था। उनका जन्म जयपुर में एक मुस्लिम नवाब फैमिली में 07 जनवरी 1967 को हुआ था। जब इरफान एमए की पढ़ाई कर रहे थे इसी बीच उन्हें 1984 में दिल्ली के नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) की स्कॉलरशिप मिल गई। 1987 में पढ़ाई पूरी होने के बाद इरफान मुंबई पहुंच गए। यहां उन्होंने 'चाणक्य', 'सारा जहां हमारा', 'बनेगी अपनी बात', 'चंद्रकांता', स्पर्श जैसे कई टीवी सीरियल में अभिनय किया। थिअटर और टीवी का इरफान की जिंदगी में बहुत अहम रोल रहा और फिर मीरा नायर ने उन्हें फिल्म 'सलाम बॉम्बे' में एक कैमियो रोल दिया। लेकिन 1988 में जब यह फिल्म आई तो उनका रोल काट दिया गया था। इसके बाद 90 के दशक में इरफान ने क्रिटिकली अक्लेम्ड 'एक डॉक्टर की मौत' 'सच अ लॉन्ग जर्नी' समेत कुछ फिल्में की। कई असफल फिल्मों के बाद इरफान की किस्मत तब पलटी जब लंदन बेस्ड डायरेक्टर आसिफ कपाड़िया ने उन्हें 'द वॉरियर' में लीड रोल दिया। यह फिल्म 11 हफ्तों में पूरी हुई थी। 2001 में यह फिल्म कई इंटरनैशनल फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाई गई जिसके बाद इरफान दुनियाभर में जाना-माना चेहरा बन गए।
इरफान इसके बाद 'रोड टू लद्दाख', 'हासिल', 'मकबूल', 'रोग' जैसी फिल्मों में नजर आए और उनके काम की तारीफ हुई। इस दौरान उन्होंने कई फिल्मों में विलन का रोल भी किया। उन्हें 'हासिल' के लिए बेस्ट विलन का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला। फिर 'स्लमडॉग मिलेनअर', 'न्यू यॉर्क', 'ये साली जिंदगी', 'पान सिंह तोमर', 'द लंच बॉक्स', 'डी-डे', 'हैदर', 'पीकू', 'मदारी', 'हिंदी मीडियम', 'करीब करीब सिंगल' जैसी फिल्मों से उन्होंने अपनी ऐक्टिंग का लोहा मनवाया। उनके लगभग हर फिल्म के किरदार लोगों के जहन में उतर गए। 2007 में आई इरफान की फिल्म 'लाइफ इन अ मेट्रो' हिट रही इसके अलावा 'द नेमसेक' ओवरसीज में हिट रही और तब्बू के साथ उनके काम की काफी प्रशंसा हुई। इसके बाद उन्होंने 'मानो या ना मानो' और 'क्या कहें' जैसे टीवी शोज किए। इरफान को विदेशों में तब और ज्यादा पहचाना जाने लगा जब उन्होंने डायरेक्टर मीरा नायर की इंग्लिश फिल्म 'द नेमसेक' में एक नॉन रेजिडेंट बंगाली प्रोफेसर का किरदार निभाया। यूएस के लगभग हर अखबार में इस फिल्म की चर्चा हुई। इसके बाद उन्होंने कई हॉलिवुड फिल्मों में काम किया।
इरफान की पत्नी सुतापा सिकदर राइटर है और वह भी एनएसडी ग्रैजुएट रही हैं। इरफान के दो बेटे हैं- बाबिल और अयान खान। 16 मार्च 2018 को इरफान ने बताया कि वह न्यूरोएंडोक्राइन कैंसर से जूझ रहे हैं और इलाज के लिए विदेश जाएंगे। इरफान कैंसर से लड़कर लौट आए थे और उन्होंने फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' पूरी की। हालांकि, उन्हें फिर दिक्कत शुरू हुई और colon इंफेक्शन के कारण 54 साल की उम्र में उनका इंतकाल हो गया।
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