12 साल की तब्बू को देख बॉलीवुड सुपरस्टार ने किया था ये काम

बतौर अभिनेत्री एक खास पहचान रखने वाली तब्बू गैर-फिल्मी परिवार से हैं। हालांकि इस पृष्ठभूमि के बावजूद उन्होंने और उनकी बड़ी बहन फराह ने फिल्मों मे कदम रखा। कामयाबी पाई। रोचक बात यह है कि तब्बू जब किशोरावस्था में भी नहीं थीं, तब फराह ने फिल्मी पारी शुरू कर दी थी। फिल्में तब्बू की किस्मत में भी लिखी थीं और इंडस्ट्री का जो एक बड़ा दिग्गज फराह को डेब्यू फिल्म देने वाला था, उसने उनकी जगह तब्बू को लेकर फिल्म बनाई। यह दिग्गज और कोई नहीं बल्कि सदाबहार हीरो देवानंद थे। जो नन्हीं तब्बू को देखने के बाद उन्हें भुला नहीं पाए और तीन दिन में ही उन्हें ध्यान में रखते हुए एक फिल्म की स्क्रिप्ट लिख दी।
फिल्म प्रचार डॉट कॉम के अनुसार, हुआ यह कि वन-मैन-आर्मी देवानंद को अपनी एक फिल्म के लिए नई हीरोइन की तलाश थी। इंडस्ट्री में यह बात सब जानते थे। उन दिनों फराह नाज और तबस्सुम नाज के माता-पिता हैदराबाद में रहते थे। मध्यमवर्गीय परिवार था। जिसे देवानंद के एक परिचित जानते थे। उन्होंने फराह के माता-पिता से कहा कि देवानंद को नई हीरोइन चाहिए, वह चाहें तो बात की जा सकती है। देवानंद ने इस व्यक्ति के माध्यम से नाज परिवार को अपना मेहमान बना कर बॉम्बे बुला लिया। आने-जाने, ठहरने के और अन्य खर्च खुद उठाए।
फराह से मिलने के बाद देवानंद खुश हुए और उनकी मां से कहा कि फराह को अपनी अगली फिल्म में हीरोइन के रूप में लॉन्च कर रहे हैं। पूरे परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं था। लेकिन इसी दौरान देवानंद के दोस्त यश चोपड़ा भी अपनी नई फिल्म फासले के लिए हीरोइन ढूंढ रहे थे, जिसमें वह बेहतरीन गायक महेंद्र कपूर के बेटे रोहन कपूर को लॉन्च करने वाले थे। यश चोपड़ा को जब देवानंद की नई खोज का पता चला तो उन्होंने इस सदाबहार हीरो से कहा कि फराह को फासले में रोहन के साथ लॉन्च करने दें। दरियादिल देवानंद मान गए।
इस पूरे घटनाक्रम में देवानंद फराह की छोटी बहन तबस्सुम नाज उर्फ तब्बू को नहीं भूले। तब्बू को लेकर उनके दिमाग में एक फिल्म का आइडिया आया। देवानंद फिल्में लिखने के लिए महाबलेश्वर के एक होटल में जाया करते थे। वह तत्काल वहां पहुंचे और तीन दिन में ही अपनी फिल्म हम नौजवान का पहला ड्राफ्ट लिख डाला। उन्होंने तब्बू के माता-पिता से कहा कि उनके पास एक बोल्ड विषय है, जिसमें तब्बू को कुछ बोल्ड दृश्य करने होंगे।
फिल्म की कहानी किशोरवय लड़की के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसका तीन रसूखदार परिवारों के नौजवान रेप करते हैं। देवानंद मामले की जांच करने वाले अफसर हैं, जो लड़की को न्याय दिलाते हैं। तब्बू के माता-पिता देवानंद को ना नहीं कह सके। देवानंद ने तब्बू को लेकर गुपचुक तरीके से महीने भर में शूटिंग कर डाली। हालांकि हम नौजवान निर्देशक देवानंद की फ्लॉप फिल्मों की एक और कड़ी साबित हुई और इसके बाद तब्बू पढ़ाई-लिखाई में जुट गईं।
फिर कई साल बाद निर्माता बोनी कपूर की फिल्म प्रेम में नजर आईं, जिन्होंने इस फिल्म में उन्हें बतौर हीरोइन अपने छोटे भाई संजय कपूर के साथ लॉन्च किया। वैसे यह प्रेम छह महीने में बननी थी परंतु तमाम गलत वजहों से चार साल में पूरी हुई। जिसका खामियाजा तब्बू को उठाना पड़ा क्योंकि उन्होंने निर्माता के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे कि जब तक प्रेम पूरी होकर रिलीज नहीं हो जाती, वह कोई और फिल्म साइन नहीं करेंगी।
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