Durgamati Review: मूवी देखकर Waste न करें अपना कीमती Time, यहां जान लें फिल्म की पूरी कहानी

Durgamati Review: मूवी देखकर Waste न करें अपना कीमती Time, यहां जान लें फिल्म की पूरी कहानी
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फिल्म के ट्रेलर तो लोगों को काफी पसंद आया था, लेकिन फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरती नजर नहीं आ रही है। फिल्म की कहानी कमजोर है। फिल्म की शुरूआत पेड़ से लटकी लाश से होती है।

भूमि पेडनेकर की फिल्म 'दुर्गामती' के रिव्यूज अब सामने आने लगे है। फिल्म के ट्रेलर तो लोगों को काफी पसंद आया था, लेकिन फिल्म दर्शकों की उम्मीदों पर खरी उतरती नजर नहीं आ रही है। फिल्म की कहानी कमजोर है। फिल्म की शुरूआत पेड़ से लटकी लाश से होती है। सीढ़ियों पर महिला गिरी है और बच्चे अपनी जान बचाते हुए भाग रहे है। फिल्म में लोग एक पुरानी हवेली से काफी डरते है। ये हवेली 'रानी दुर्गामती' की हवेली है। इस हवेली में रानी दुर्गामती को मार डाला गया था। तब से इस हवेली में उनकी आत्मा बदले की आग में भटकती रहती है।

फिल्म में अरशद वासरी भी है, जो जल संसाधन मंत्री ईश्वर प्रसाद का किरदार निभा रहे है। लोगों के सामने उनकी छवि एक मसीहा वाली है। अरशक वारसी फिल्म में अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते है। एक केस उनकी सरकार की इमेज को बेकार कर रहा है। ये केस प्राचीन मंदिरों से भगवान की मूर्तियां गायब होने वाला है। इस केस की वजह गांव वाले काफी नाराज है। फिल्म में एक मोड़ आता है, जब भूमि पेडनेकर की लाइफ को दिखाया जाता है।

फिल्म में भूमि पेडनेकर चंचल कुमार के रोल में है, जो एक आईएएस ऑफिसर है। ईश्वर प्रसाद आईएएस चंचल कुमार पर काफी विश्वास करते है। लेकिन एक दिन चंचल कुमार अपने ब्वॉयफ्रेंड शक्ति को गोली मार देती है। शक्ति का किरदार करण कपाड़िया ने निभाया है। शक्ति को मारने का पीछे का कारण लोगों के साथ दगाबाजी है। उसे मारने के बाद चंचल जेल में सजा काटती है। फिल्म में माही गिल का काम भी आपको देखने को मिलेगा। माही गिल ने सीबीआई ऑफिसर का किरदार निभाया है, जो ईश्वर प्रसाद को भ्रष्टाचार के झूठे केस में फंसाना चाहती है।

चूंकि ईश्वर और चंचल काफी करीबी है ऐसे में माही गिल चंचल को हथियार बनाती है और पूछताछ के लिए दुर्गामती हवेली ले जाती है। यहां से भूमि को किसी आत्मा के होने का आभास होता है और उसके बाद शुरू होता है बदला लेने का सिलसिला।

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