अश्लीलता दिखाई जाने पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सरकार का शिकंजा, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को सौंपा जिम्मा

अश्लीलता दिखाई जाने पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सरकार का शिकंजा, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को सौंपा जिम्मा
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अश्लीलता दिखाई जाने पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सरकार ने शिकंजा कसा है। सरकार के फैसले के तहत अब रिलिजिंग से पहले मेकर्स को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को मंजूरी लेनी पड़ेगी।

कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के चलते केंद्र सरकार ने सभी सिनेमाघरों को बंद करने का आदेश दिया था, जिसके चलते मेकर्स ने फिल्म रिलिजिंग के लिए ओटीटी प्लेटफॉर्मस को चुना। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को लेकर अक्सर विवाद सामने आते रहे है। अश्लीलता और असभ्यता का आरोप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लगातार लगते आ है। जिसके चलते सरकार को इस मामले की ओर ध्यान देना पड़ा और एक आदेश जारी करना पड़ा। केंद्र सरकार ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को लेकर बड़ा फैसला लिया है।

केंद्र सरकार की इस फैसले के तहत, अब ऑनलाइन रिलीज होने वाली फिल्में, ऑडियो-विजुअल प्रोग्राम्स, ऑनलाइन प्लेटफार्म पर सीरीज हो या गाने, न्यूज हो या फिर करंट अफेयर्स सभी को रिलिजिंग से पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से एनओसी लेनी होगी। यानी अब रिलिजिंग का फैसला सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय करेगा। आपको बता दें कि सोशल मीडिया के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कई ऐसी वेब-सीरीज और फिल्में है, जो कहानी के नाम पर दर्शकों के आगे अश्लीलता परोस रही है।

लोगों ने विरोध करना शुरू किया, तो सरकार हरकत में आई और मंजूरी का अधिकार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को सौंप दिया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन के शुरू के तीन हफ्तों में अश्लीलता से भरी वेब सीरीज, गाने और फिल्में देखने वालों में 95 फीसदी का इजाफा हुआ है। जिसका सीधा फायदा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को मिला। पाबंदी न होने ही वजह से अभी भी 'ट्रिपल एक्स', 'गंदी बात', 'चरमसुख' जैसी कई वेब सीरीज को स्ट्रीम किया जा रहा है।

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