Haribhoomi Explainer: 72 साल पुराना है कान्स, पहली बार दिखाई गई थी भारत की ये फिल्में

Haribhoomi Explainer: फिल्मी दुनिया में फिल्म फेस्टिवल की काफी अहमियत होती है। दुनिया भर में कुछ फिल्म अवॉर्ड ऐसे हैं, जिनमें शामिल होना हर किसी सेलेब्स की इच्छा होती है। आज बात कान्स फिल्म फेस्टिवल को लेकर कर रहे हैं, लेकिन पहले जान लेते हैं कि इसकी शुरुआत कैसे हुई थी। फिल्म फेस्ट के इतिहास पर एक नजर डालें तो साल 1938 में जर्मनी के तानाशाह हिटलर और मुसोलिनी ने वेनिस फिल्म फेस्टिवल को प्रारम्भ किया था। इनका गुट अपने पसंदीदा लोगों को ही अवॉर्ड देता था। अवॉर्ड शो में इस तरह की तानाशाही से परेशान होकर कई ज्यूरी सदस्यों ने वेनिस फिल्म फेस्टिवल में ज्यूरी पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद ही एक फ्री फेस्टिवल शुरू किया गया था। इसकी लोकेशन कान, पेरिस में रखी गई थी। कान्स फेस्टिवल का इतिहास देखें तो ये लगभग 70 से 72 साल पुराना है। ये 20 सितंबर 1946 में प्रारम्भ हुआ था। इस इवेंट में देश- विदेश की चर्चित फिल्मों, डॉक्यूमेंट्रीज को दिखाया जाता है। प्रारम्भ में फिल्म फेस्टिवल में 21 देशों की फिल्म को प्रदर्शित गया था। कान्स फिल्म फेस्टिवल एक बार फिर फ्रांस के फ्रेंच रिवेरा में शुरू हो गया है। ये 14 मई से 25 मई तक चलेगा। इस फेस्टिवल में बॉलीवुड एक्ट्रेसेज की ग्लैमरस एंट्री पूरे विश्वभर में चर्चा का विषय बनी रहती है।
भारत का सफर कान्स में
कान्स फेस्टिवल का भारत से एक खास रिश्ता है। भारत और कांस के रिश्ते की शुरुआत 1946 में चेतन आनंद की फिल्म ' नीचा नगर' से हुई। इस फिल्म को कान्स के सबसे चर्चित अवार्ड Grand Prix Award भी दिया गया था। अब इस अवॉर्ड को The Palm d'or के नाम से जाना जाता है। राजकुमार की फिल्म आवारा, दो बीघा जमीन, बूट पॉलिश, पाथेर पांचाली, गाइड, आई खार जी, सलाम बॉम्बे, आई उड़ान व इरफान खान की लंच बॉक्स को यहां सम्मानित किया गया। कांस में किसी भी मूवी का प्रदर्शन काफी मायने रखता है। भारत की दर्जनों फिल्मों की प्रदर्शनी कांस में हो चुकी है। भले ही इन फिल्मों को यहां अवॉर्ड न मिला हो, लेकिन जूरी में बैठे लोगों ने इन फिल्मों की काफी तारीफ की है।
कान्स में बॉलीवुड एक्ट्रेस
बॉलीवुड की एक्ट्रेसेज कांस फेस्टिवल में रेड कार्पेट पे वॉक करने के लिए मशहूर हैं। कई ऐसे कॉस्मेटिक ब्रांड्स हैं, जो कांस फेस्टिवल के पार्टनर हैं। इसी कारण कॉस्मेटिक ब्रांड्स के ब्रांड एंबेसडर को रेड कार्पेट पे वॉक करके अपने ब्रांड्स का प्रमोशन करना होता है। इनमें दीपिका पादुकोण, सोनम कपूर, कंगना रनौत और ऐश्वर्या राय बच्चन का नाम शामिल हैं। कई बार ऐसा होता है कि कान्स फेस्टिवल में एक्ट्रेसेज की एंट्री 'फैशन फॉर रिलीफ' के पर्यावरण और मानवीय मदद के लिए फंड इकट्ठा करने के लिए भी किया जाता है। फैशन फॉर रिलीफ लंदन की एक केयर नाम की नॉन प्रॉफिटेबल संस्था के साथ जुड़कर सामाजिक कार्यक्रम का कार्य करती है और जो भी राशि जमा होती है, उसको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संस्थाओं को दिया जाता है, जो इसको जरूरतमंद लोगों की मदद करने में खर्च करते हैं।
कांस से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
1. वर्ष 1950 में कांस में भारत के तरफ से पहले ज्यूरी सदस्य चेतन आनंद थे। इनके बाद वर्ष 1980 में मृणाल सेन को ज्यूरी में सदस्यता दी गई।
2. वर्ष 2002 में संजय लीला भंसाली की फिल्म देवदास को कांस में दिखाया गया और वर्ष 2003 में ऐश्वर्या राय को कांस फेस्टिवल की इंटरनेशन ज्यूरी में बतौर पहली भारतीय महिला के रूप में शामिल किया गया।
3. The Hollywood Reporter के अनुसार, कान्स फिल्म फेस्टिवल में आने वाले लोग 11 दिनों में लगभग 18,500 बोतल वाइन और शैंपेन पी जाते हैं। फेस्टिवल में 1990 Chateau Petrus सर्व की जाती है, जिसके एक बोतल की कीमत लगभग 9390 डॉलर होती है। इसके अलावा फेस्टिवल में म्यूजिक, लेजर लाइट और फोटोग्राफ में करीब 1 करोड़ 23 लाख का खर्चा आता है।
4. रेड कार्पेट के नियमानुसार, इवेंट में कोई भी महिला कलाकार बिना हील्स के वॉक नहीं कर सकती हैं। यह नियम 2015 से लागू हो हुआ हैं। अगर कोई सेलेब्रिटी हील्स पहने बिना उस सेरेमनी में एंट्री करना चाहेगी तो उसे एंट्री नहीं दी जाती है। रेड कार्पेट पर एक्ट्रेस क्रिस्टेन स्टीवर्ट और जूलिया रॉबर्ट्स ने रेड कार्पेट पर हील्स हटा दिए थे।
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