उम्मीद है कि वायरस का सांप्रदायीकरण बंद होगा: सुधीर मिश्रा

मुम्बई. फिल्मकार सुधीर मिश्रा का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी से निपटने में राजनीति को बिल्कुल अलग रखा जाना चाहिए और हालात का सांप्रदायीकरण नहीं करना चाहिए। 'हजार ख्वाहिशें ऐसी' फिल्म के निर्देशक सुधीर मिश्र ने कहा कि इस महामारी से केवल तभी लड़ा जा सकता है जब लोग एकजुट हों।
फिल्मकार ने जूम कॉल पर संवाददाताओं से कहा, '' मैं उम्मीद करता हूं कि इस वायरस का सांप्रदायीकरण बंद हो। मैं आशा करता हूं कि हम अहसास करें कि हम सभी एक हैं। जब इस तरह की चीजें होती हैं तो हमें राजनीति और देश के राजनीतिक ढांचे पर अपनी भिन्न भिन्न राय को अलग रख देना होगा।'' उन्होंने कहा कि यह महामारी, फिल्म की शूटिंग से लेकर उसे देखने तक, मनोरंजन के तमाम पहलुओं को पूरी तरह बदल चुकी है।
उन्होंने कहा, '' मैं ढेर सारे बदलाव देखता हूं। सबसे ज्यादा परेशानियां उन्हें आयेंगी जो शूट करते हैं। मुझे नहीं पता कि जबतक टीका नहीं आ जाता तबतक कैसे 250 लोग शूट कर पाएंगे।, क्या आप सभी का परीक्षण करेंगे, तब आउटडोर शूटिंग के लिए बाहर जायेंगे?''
मिश्रा ने कहा, '' उसके बाद, हमारी जीवन शैली ही बदल जाएगी। सावधानी हमारी आदत में शुमार हो जाएगी। लोग सिनेमा घरों में कब जाना शुरू करेंगे.... ? शायद ओटीटी अधिक महत्वपूर्ण बन जाएगा, शायद बड़ी फिल्में सीधे ऑनलाइन रिलीज होंगी, हम अगले एक-डेढ़ साल में जान पायेंगे।''
उन्होंने कहा कि यह दिहाड़ी श्रमिकों के लिए बड़ा मुश्किल वक्त है और जिस तरह संभव हो, उनकी मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ''हमें अपनी तरफ बिल्कुल नये ढंग से देखना शुरू करना पड़ेगा। धारावी की तरह। मैं समझता हूं कि आपको उन लोगों के लिए बहुत कुछ करना पड़ेगा। यह धनवानों का वायरस है जो गरीबों तक पहुंच गया और वे (गरीब) ऐसे लोग हो गये हैं जिन पर (इस वायरस की) सबसे अधिक मार पड़ेगी। वे तो चीन नहीं गये, या छुट्टी मनाने स्पेन नहीं गये।''
इन फिल्मकार की वेबसीरीज 'होस्टेज' ने हाल ही में स्टार प्लस पर टीवी की दुनिया में कदम रखा है। कई चैनल इस लॉकडाउन के दौरान टेलीविजन पर वेब कंटेंट दिखा रहे हैं। लॉकडाउन के चलते रोजाना एपिसोड की शूटिंग असंभव हो गयी है।
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