Pornography Case: कोर्ट ने शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को 14 दिनों के लिए भेजा जेल, जानें पुलिस कस्टडी और जुडिशल कस्टडी में अंतर

Pornography Case: कोर्ट ने शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा को 14 दिनों के लिए भेजा जेल, जानें पुलिस कस्टडी और जुडिशल कस्टडी में अंतर
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राज कुंद्रा (Bollywood film actress Shilpa Shetty's husband and businessman Raj Kundra 14 days judicial custody) को पोर्न फिल्में बनाने का आरोप में आखिरकार कोर्ट ने 14 दिनों की जुडिशल कस्टडी में भेज दिया है।

बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति और बिजनेसमैन राज कुंद्रा (Bollywood film actress Shilpa Shetty's husband and businessman Raj Kundra 14 days judicial custody) को पोर्न फिल्में बनाने के आरोप में आखिरकार कोर्ट ने 14 दिनों की जुडिशल कस्टडी में भेज दिया है। अभी तक कुंद्रा दो बार पुलिस कस्टडी में रहे थे। भारत में पोर्नोग्राफी जैसे कंटेंट बनाने के कई संगीन आरोप राज पर लगे हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अश्लील फिल्में बनाने के आरोप में कोर्ट ने राज कुंद्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले राज को दो बार पुलिस कस्टडी में भेजा गया था। कोर्ट में पुलिस ने राज की 7 दिनों की कस्टडी बढ़ाने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने उसे रिजेक्ट कर दिया। वहीं इससे पहले कोर्ट ने राज को 27 जुलाई तक पुलिस कस्‍टडी में भेज दिया था।




बीती 19 जुलाई को मुंबई की क्राइम ब्रांच ने देर रात राज कुंद्रा को गिरफ्तार कर लिया था। अगले ही दिन कोर्ट में पेश किया गया। जिसके बाद पहले 3 दिनों तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया फिर पुलिस कस्टडी को बढ़ाते हुए 27 जुलाई कर दिया गया। पुलिस ने कोर्ट को बताया है कि कई अहम सबूत मिले हैं। साथ ही एक फॉरेंसिक एक्सपर्ट नियुक्त किया है।

जानें क्या है पुलिस हिरासत और न्यायिक हिरासत में अंतर

अक्सर लोग हमेशा कंफ्यूज रहते हैं कि पुलिस हिरासत और न्यायिक हिरासत में क्या अंतर होता है। आज हम इस खबरे में आपको बता रहे हैं कि आखिर पुलिस कस्टडी और जुडिशल कस्टडी में क्या फर्क होता है। जब किसी आरोपी को कोर्ट के द्वारा पुलिस हिरासत में भेज दिया जाता है, तब आरोप पुलिस लॉकअप में रहता है और जब कोर्ट आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजता है, तो उसे जेल भेज दिया जाता है। कस्टडी में आरोप को कितने दिनों के लिए भेजा जा रहा है। यह कोर्ट में बैठे जज साहब तय करते हैं कि आरोपी को पुलिस हिरासत या न्यायिक हिरासत में कितने दिनों के लिए भेजा जाए।

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