Shabana Azmi Birthday: शबाना आजमी के वो टॉप 5 सुपरहिट डायलॉग, जिसने फीका किया एक्टर का रोल

बॉलीवुड एक्ट्रेस शबाना आजमी का 17 सितंबर को 70वां जन्मदिन सेलिब्रेट करेंगी। शबाना आजमी को नेशनल फिल्म अवार्ड मिल चुका है। अब तक उन्हें 5 फिल्म फेयर अवार्ड से नवाजा जा चुका है। साल 1988 में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में उन्हें 'वुमेन इन सिनेमा' के टाइटल से भी सम्मानित किया गया। यही नहीं, उन्हें सबसे सम्मानित सिविलियन अवार्ज पद्मश्री से भी नवाजा जा चुका है।
शबाना आजमी (Shabana Azmi) ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत फिल्म 'अंकुर' से की थी। इस फिल्म ने शबाना आजमी को अलग पहचान दिलाई। शबाना ने अपने फिल्मी करियर में कई सुपरहिट फिल्में की है। जिसमें 'अंकुर', 'अमर अकबर अन्थोनी', 'निशांत', 'शतरंज के खिलाडी', 'खेल खिलाडी का', 'परवरिश', 'किस्सा कुर्सी का', 'कामयाब', 'द ब्यूटीफुल नाइट' शामिल है।
फिल्म- 'मैं आजाद हूं'
डायलॉग- 'जिस्म की मौत इंसान की मौत नहीं होती'
फिल्म- 'अमर दीप'
डायलॉग- 'आदमी अपनी बुराईयों के लिए दूसरों को दोष देता है.. पर सच तो ये है कि आदमी के भीतर छुपी अपनी ही कोई कमजोरी होती है जिसके कारण वो बुरा बनता है।'
फिल्म- 'मुकद्दर का बादशाह'
डायलॉग- 'जब औलाद की जिंदगी का सवाल हो... तो मां दिन और रात नहीं देखती'
फिल्म- 'फकीरा'
डायलॉग- 'शराफत से बात करो ताकी मैं तुम्हें शराफत से जवाब दे संकू'
फिल्म- 'अवतार'
डायलॉग- 'पछतावे के एक आंसू से... सारे गुनाह भगवान भी माफ कर देता है'
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