'अगर रोजे नहीं रखे तो...' जैसे सुशांत सिंह राजपूत के शानदार डायलॉग, जो आज बहुत याद आते हैं...

अगर रोजे नहीं रखे तो... जैसे सुशांत सिंह राजपूत के शानदार डायलॉग, जो आज बहुत याद आते हैं...
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सुशांत सिंह ने फिल्मों में अपने शानदार काम से लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई थी। पहली बर्थ एनिवर्सरी पर लोग उनके फिल्मों के सीन्स और डॉयलॉग्स को खूब याद कर रहे है।

सुशांत सिंह राजपूत की 21 जनवरी को पहली बर्थ एनिवर्सरी है। सुशांत का जन्म 21 जनवरी 1986 को बिहार के पटना में हुआ था। यूं तो सुशांत बचपन से इंजीनियर बनने का ख्वाब देखते थे, लेकिन किस्मत ने उन्हें एक्टर बना दिया। बतौर एक्टर वो सफलता की ऊंचाइयों पर थे, पर अचानक उनकी मौत की खबर ने फैंस को जोर का झटका दे दिया। उनकी मौत की खबर पर किसी को भरोसा नहीं हुआ। 14 जून 2020 को सुशांत का शव उनके कमरे में पंखे से लटका हुआ मिला। इस केस की जांच सीबीआई कर रही है।

सुशांत सिंह ने फिल्मों में अपने शानदार काम से लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई थी। पहली बर्थ एनिवर्सरी पर लोग उनके फिल्मों के सीन्स और डॉयलॉग्स को खूब याद कर रहे है। चलिए उनके बर्थ एनिवर्सी के मौके पर आज हम आपको सुशांत सिंह राजपूत की फिल्मों के कुछ शानदार डायलॉग्स बताते है-

फिल्म- 'छिछोरे'

'जिंदगी में अगर कुछ सबसे ज्यादा इंपॉर्टेन्ट है तो वो है खुद की जिंदगी'-

फिल्म- 'एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी'

'तुम्हारा रिजल्ट डिसाइड नहीं करता है कि तुम लूजर हो कि नहीं, तुम्हारी कोशिश डिसाइड करती है'

फिल्म- 'राबता'

'अगर रोजे नहीं रखे तो फिर ईद का क्या मजा'

फिल्म- 'पीके'

'जिस महफिल ने ठुकराया हमको, क्यों उस महफिल को याद करें, आगे लम्हा बुला रहा, आओ उसके साथ चलें'

फिल्म- 'सोन चिड़िया'

'गैंग से तो भाग लूंगा वकील, अपने आप से कैसे भागूंगा'

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