Family Day 2022: सबको बराबर की अहमियत मिलने से निखरता है परिवार, जानिए प्रियंका चोपड़ा की बचपन की एक दिलचस्प स्टोरी

Family Day 2022: सबको बराबर की अहमियत मिलने से निखरता है परिवार, जानिए प्रियंका चोपड़ा की बचपन की एक दिलचस्प स्टोरी
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ग्लोबल आइकॉन प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) आज बॉलीवुड में ही नहीं बल्कि हॉलीवुड में भी अपनी पहचान बना चुकी हैं। एक्ट्रेस के पास आज करोड़ों में नेट वर्थ (Priyanka Chopra) है लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रियंका बचपन से ही कुछ अलग सोच रखती थी। जी हां, एक बार अपने एक इंटरव्यू में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने एक दिलचस्प किस्सा बताया था।

ग्लोबल आइकॉन प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) आज बॉलीवुड में ही नहीं बल्कि हॉलीवुड में भी अपनी पहचान बना चुकी हैं। एक्ट्रेस के पास आज करोड़ों में नेट वर्थ (Priyanka Chopra) है लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रियंका बचपन से ही कुछ अलग सोच रखती थी। जी हां, एक बार अपने एक इंटरव्यू में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने एक दिलचस्प किस्सा बताया था। उन्होंने कहा था कि जब वह छोटी थीं तो अपने पापा के घर पर लगी नेम प्लेट को ध्यान से देखा करती थीं।

इस नेम प्लेट में उनके पिता अशोक चोपड़ा और मां मधु चोपड़ा का नाम लिखा हुआ था। वह सोचतीं, यह घर तो उनका भी है तो उनका नाम नेम प्लेट में क्यों नहीं लिखा है? उन्होंने यह बात अपने पापा से कही। पापा ने भी इस नन्ही बच्ची की बात को गौर से सुना और समझा। जल्दी ही नेमप्लेट में बेटी का नाम भी जोड़ दिया गया-प्रियंका चोपड़ा-किंडरगार्टेन। अपना नाम, नेमप्लेट में देखकर प्रियंका गर्व से भर उठीं। असल में नन्ही प्रियंका के मन में अपने लिए भी सम्मान देने का भाव जगा और उनके पैरेंट्स ने उसे समझा।

परिवार में सबकी बात को मिले मान: हमारी परपंरागत परिवार (Family) व्यवस्था कुछ ऐसी है कि सम्मान का ग्राफ उम्र के हिसाब से बनता है। मसलन, बड़ों को अधिक सम्मान देने की परंपरा रही है, जबकि छोटों की बात सुनने-समझने में ज्यादा जरूरत महसूस नहीं की जाती। बच्चे और स्त्रियों की राय को बड़ों की बातों में अच्छा नहीं माना जाता। नतीजा फैसले एकतरफा होते हैं। इससे परिवार के सदस्यों में हीन भावना का जन्म होता है। इसलिए परिवार में बड़ा हो या छोटा, हर किसी की बात को मान मिलना चाहिए।

रिश्तों में संतुलन: जब घर में सभी की अहमियत बराबर समझी जाती है तो रिश्तों में संतुलन आता है। छोटे, बड़ों को सम्मान देते हैं और बड़े, छोटे सदस्यों को प्यार। घर में बेवजह के मनमुटाव नहीं होते और सबको अपना काम बेहतर ढंग से करने का माहौल मिलता है। एक-दूसरे से संबंध प्रगाढ़ होते हैं।

सम्मान से निखरता है व्यक्तित्व: हम अच्छे इंसान तभी बन सकते हैं, जब अपना सम्मान करना सीखें। अपनी अहमियत को समझें। जिस बच्चे को बचपन से ही घर-परिवार में सम्मान मिलता है, वहां उसके व्यक्तित्व का विकास बेहतर होता है। अपनी रेस्पेक्ट से वह दूसरों की रेस्पेक्ट करना सीखता है।

इस तरह हम इन बातों का ध्यान रखें तो निश्चित ही हमारा परिवार एक ऐसा निखार पाता है, जो उसे खुशहाल बनाता है, मजबूत बनाता है।

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