CDS Bipin Rawat के निधन पर जश्न से आहत हुए अली अकबर छोड़ेंगे इस्लाम धर्म, अब इस नए नाम से जाने जाएंगे डायरेक्टर

CDS Bipin Rawat के निधन पर जश्न से आहत हुए अली अकबर छोड़ेंगे इस्लाम धर्म, अब इस नए नाम से जाने जाएंगे डायरेक्टर
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साउथ फिल्म इंडस्ट्री (South Film Industry) के जानेमानें मलयालम डायरेक्टर (Malayalam Director) अली अकबर (Ali Akbar) ने इस्लाम धर्म (Islam Religion) छोड़ने की घोषणा की हैं। अली अकबर ने बताया कि वह इस्लामी कट्टरपंथियों के विरोध में ऐसा कर रहे हैं।

साउथ फिल्म इंडस्ट्री (South Film Industry) के जानेमानें मलयालम डायरेक्टर (Malayalam Director) अली अकबर (Ali Akbar) ने इस्लाम धर्म (Islam Religion) छोड़ने की घोषणा की हैं। अली अकबर ने बताया कि वह इस्लामी कट्टरपंथियों के विरोध में ऐसा कर रहे हैं। डायरेक्टर ने बताया कि वह इस बात से काफी आहत हैं कि लोगों ने सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) की दर्दनाक मौत का जश्न मनाया। अली अकबर ने सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म पर इस बात की जानकारी वीडियो शेयर करते हुए दी है।

की थी CDS Bipin Rawat के निधन के जश्न की आलोचना

अली अकबर ने इससे पहले सीडीएस बिपिन रावत की मौत का मजाक उड़ाने वाले इस्लामिस्ट की आलोचना करते हुए फेसबुक (Facebook) पर एक वीडियो पोस्ट किया था। डायरेक्टर की इस फेसबुक वीडियो पर अभद्र टिप्पणियां की गईं जिसके बाद अली अकबर का अकाउंट एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया था। इसके बाद डायरेक्ट ने फेसबुक पर एक नया अकाउंट खोला और इस बात की घोषणा कर दी कि वह इस्लाम धर्म छोड़ रहे हैं और कहा कि अब से उनका और उनके परिवार का कोई धर्म नहीं होगा। अकबर ने कहा, 'इमोजी लगाने वालों के खिलाफ बोलने के पांच मिनट के अंदर ही अकाउंट को ब्लॉक कर दिया गया। मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता, मैं इससे सहमत नहीं हो सकता, इसलिए मैं अपना धर्म छोड़ रहा हूं। मेरा या मेरे परिवार का अब कोई धर्म नहीं है। यही निर्णय है।"

ये होगा अली अकबर का नया नाम

अली अकबर ने आगे कहा कि अब से उन्हें राम सिंह के नाम से जाना जाएगा। अली अकबर ने कहा "रामसिम्हन एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें केरल में मार दिया गया था। कल अली अकबर को राम सिंह कहा जाएगा। यह सबसे अच्छा नाम है।" गौरतलब है कि रामसिम्हन और उनके परिवार को 1947 में धर्म परिवर्तन के कारण मार दिया गया था। दरअसल रामसिम्हन ने अपने परिवार सहित इस्लाम धर्म को छोड़ हिन्दू धर्म को अपना लिया था, जिसके बाद उनकी और उनके पूरे परिवार की निर्रमम तरीके से हत्या कर दी गई थी। आजादी से ठीक दो हफ्ते पहले अगस्त 1947 2 तारीख को रामसिम्हन, उनके भाई दयासिम्हन, दयासिम्हन की पत्नी कमला, उनके रसोइया राजू अय्यर और परिवार के अन्य सदस्यों को मलप्पुरम जिले के इस्लामवादी जिहादियों ने बेरहमी से मार डाला था।

अली अकबर ने आगे बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी के साथ इस मामले पर चर्चा करने के बाद इस्लाम छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने कहा, 'मैं उस पोशाक को फेंक रहा हूं जिसके साथ मैं पैदा हुआ था'। अकबर ने अपने फेसबुक पेज पर उन लोगों के नाम वाली एक तस्वीर भी पोस्ट की, जिन्होंने सीडीएस बिपिन रावत के निधन का मजाक उड़ाया था।

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